ट्रंप का भारत विरोधी चेहरा बेनकाब ! बैन लिस्ट में पाकिस्तान को दी क्लीन चिट, विशेषज्ञों ने उठाए सवाल
punjabkesari.in Thursday, Jun 05, 2025 - 07:33 PM (IST)

Washington: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवादास्पद कदम उठाते हुए 12 देशों पर अमेरिका में एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए जारी इस आदेश में अफगानिस्तान, ईरान, म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन जैसे देशों को शामिल किया गया है। इनमें भारत के पड़ोसी अफगानिस्तान और म्यांमार भी शामिल हैं। लेकिन, इस फैसले पर दुनिया भर में सवाल खड़े हो गए हैं क्योंकि दुनिया भर में आतंक का केंद्र माने जाने वाला पाकिस्तान इस सूची से बाहर है। कई विश्लेषकों और रक्षा विशेषज्ञों ने ट्रंप के इस निर्णय को *'दोहरे मानकों वाला और भारत विरोधी नीति का संकेत' बताया है।
जहां एक ओर ट्रंप ने इन 12 देशों के नागरिकों की अमेरिका यात्रा पर पूरी तरह से रोक लगा दी, वहीं दूसरी ओर उन्होंने पाकिस्ता,न जिसे खुद ट्रंप प्रशासन पहले ओसामा बिन लादेन को पनाह देने वाला देश बता चुका है, को इस सूची से बाहर रखा है। यही नहीं, ट्रंप ने हाल ही में एक बयान में पाकिस्तान की खुलकर प्रशंसा भी की थी, जब पाकिस्तानी अधिकारियों ने अमेरिका की मदद से तालिबान आतंकी मोहम्मद शरीफुल्ला को पकड़ा। शरीफुल्ला पर 2021 के काबुल एयरपोर्ट बम धमाके का आरोप है, जिसमें अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। ट्रंप ने इसे अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में विश्वास की वापसी बताया।
भारत के खिलाफ 'डीप स्टेट' एजेंडा?
प्रसिद्ध रणनीतिक विशेषज्ञ ब्रह्मा चेल्लानी ने ट्रंप के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X** (पूर्व में ट्विटर) पर कहा: "ट्रंप ने यात्रा प्रतिबंधों की सूची में म्यांमार को शामिल किया, जबकि अमेरिका खुद वहां की जुंटा-विरोधी विद्रोही ताकतों को सहायता दे रहा है। लेकिन पाकिस्तान जो लंबे समय से आतंकवाद का निर्यातक रहा है और भारत के खिलाफ Jihadi नेटवर्क को समर्थन देता रहा है, उसे बाहर रखा गया। यह अमेरिकी डीप स्टेट की भारत-विरोधी सोच को दर्शाता है।"चेल्लानी का कहना है कि ट्रंप प्रशासन का यह रुख सिर्फ रणनीतिक नीति नहीं बल्कि गंभीर वैश्विक पाखंड का उदाहरण है, जहां राजनीतिक फायदे और गठजोड़ों के तहत आतंकवाद को नजरअंदाज किया जा रहा है ।
भारत की सुरक्षा चिंताओं की अनदेखी
भारत लंबे समय से अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर यह तथ्य उठाता रहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता है और कई बार भारत के खिलाफ हुए बड़े आतंकी हमलों के तार सीधे पाकिस्तान से जुड़े रहे हैं। ऐसे में अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को सुरक्षित देश की तरह पेश करना, और अन्य कमजोर देशों पर प्रतिबंध लगाना भारत के लिए चिंताजनक संदेश है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका की भारत के पड़ोसी पाकिस्तान को लेकर नीति तटस्थ नहीं बल्कि पक्षपाती है।
क्या है ट्रंप का तर्क?
ट्रंप ने अपने फैसले को आतंकी खतरों और जांच में कठिनाई के आधार पर जायज़ ठहराया है। उन्होंने कहा: “हम किसी ऐसे देश से अप्रवासन की अनुमति नहीं दे सकते जहां से आने वालों की जांच और स्क्रीनिंग विश्वसनीय और सुरक्षित तरीके से नहीं हो सकती। ”हालांकि, एक्सपर्ट पूछ रहे हैं कि यदि यही मानक हैं, तो पाकिस्तान कैसे बाहर रह गया, जो न सिर्फ आतंकवादी समूहों की पनाहगाह रहा है, बल्कि अमेरिका के खिलाफ भी कई आतंकी गतिविधियों में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल रहा है।