बिना वैध पासपोर्ट-वीजा भारत में घुसने पर होगी 5 साल की जेल, लगेगा 5 लाख रुपये जुर्माना!

punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2025 - 12:42 PM (IST)

नेशनल डेस्क. अगर कोई विदेशी बिना वैध पासपोर्ट या वीजा के भारत में घुसता है, तो उसे 5 साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। अगर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके भारत में प्रवेश, रुकने या बाहर जाने की कोशिश की जाती है, तो 2 से 7 साल की सजा और 1 लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

कौन सा कानून लाया जा रहा है?

यह सख्त सजा का प्रावधान "इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल 2025" के तहत लाया जा रहा है, जो जल्द ही लोकसभा में पेश किया जाएगा। इस नए कानून का मकसद पुराने कानूनों को खत्म करके एक नया और सख्त कानून बनाना है।

खत्म किए जाएंगे पुराने 4 कानून

विदेशी नागरिक अधिनियम, 1946

पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920

विदेशियों के पंजीकरण अधिनियम, 1939

इमिग्रेशन (कैरीयर की जिम्मेदारी) अधिनियम, 2000


स्कूल-कॉलेज और अस्पतालों पर भी नजर

स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल या ऐसे किसी भी संस्थान में अगर विदेशी नागरिक एडमिशन लेता है या रुकता है, तो उस संस्थान को इसकी जानकारी रजिस्ट्रेशन अधिकारी को देनी होगी। अगर कोई विदेशी नागरिक वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी भारत में रहता है या वीजा की शर्तों का उल्लंघन करता है, तो उसे 3 साल तक की जेल या 3 लाख रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर भी होंगे जिम्मेदार

अगर कोई ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर (बस, ट्रेन, विमान, जहाज) बिना वैध दस्तावेजों वाले विदेशी नागरिक को भारत लाता है, तो उसे 5 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा। अगर जुर्माना नहीं भरा गया, तो गाड़ी को जब्त या डिटेन (रोक) भी किया जा सकता है।

सरकार को मिलेंगी विशेष शक्तियां

वह किसी व्यक्ति या समूह पर रोक लगा सकती है, जैसे:

भारत छोड़ने पर रोक

भारत में प्रवेश पर रोक

कुछ विशेष इलाकों में जाने पर रोक

बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन की शर्त

व्यक्तिगत खर्च पर भारत छोड़ने का आदेश

क्यों लाया जा रहा है ये बिल?

बढ़ते विदेशी नागरिकों की संख्या और फर्जी दस्तावेजों के मामलों को रोकने के लिए यह कानून लाया जा रहा है। इसका मकसद देश की सुरक्षा को मजबूत करना और अवैध प्रवासियों पर नजर रखना है।

क्या बदलेगा इस कानून के आने से?

अवैध रूप से भारत में घुसने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।

फर्जी दस्तावेजों से एंट्री करने वालों पर कड़ा शिकंजा कसा जाएगा।

शिक्षण संस्थान, हॉस्पिटल और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों की जिम्मेदारी बढ़ेगी और उन्हें विदेशी नागरिकों की जानकारी देनी होगी।

सुरक्षा एजेंसियां भी और अधिक सतर्क हो जाएंगी, जिससे अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकेगी।
 


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Content Editor

Parminder Kaur

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