सरकार ने डिजिटल ठगी पर कसा शिकंजा, 4 लाख सिम कार्ड किए बंद... हर महीने 2 हजार संदिग्ध नंबरों की हो रही निगरानी
punjabkesari.in Tuesday, Aug 05, 2025 - 05:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश में तेजी से बढ़ रहे साइबर फ्रॉड और डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों पर अब नकेल कसने की शुरुआत हो चुकी है। दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा शुरू की गई Financial Risk Indicator (FRI) प्रणाली ने मई 2025 से अपनी सक्रियता बढ़ाई है। यह सिस्टम हर महीने औसतन 2,000 संदिग्ध मोबाइल नंबरों की निगरानी करता है, जो नौकरी और निवेश के नाम पर लोगों को चूना लगा सकते हैं।
FRI की मदद से अब तक 3 से 4 लाख फर्जी सिम कार्ड ब्लैकलिस्ट किए जा चुके हैं, जिनका इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा था। इन सिम कार्ड्स की पहचान एडवांस्ड AI-बेस्ड पैटर्न डिटेक्शन तकनीक के जरिए की गई है।
UPI प्लेटफॉर्म्स को भी मिला बड़ा फायदा
FRI सिस्टम की सहायता से Paytm, PhonePe और GPay जैसे प्रमुख UPI प्लेटफॉर्म्स ने बीते महीने करोड़ों रुपए के संदिग्ध ट्रांजैक्शंस को रोका। ET Telecom से बातचीत में DoT के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि यह प्रणाली बैंकों और डिजिटल कंपनियों के लिए गेम-चेंजर साबित हो रही है। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जुलाई 2025 में बैंकों को सलाह दी थी कि वे FRI को अपने फ्रॉड-डिटेक्शन सिस्टम में शामिल करें।
सोशल मीडिया पर भी लगाम
डिजिटल फ्रॉड रोकने वाली कंपनी MFilterIt ने Instagram, Facebook और X जैसे प्लेटफॉर्म्स पर AI आधारित हनीपॉट्स लगाए हैं। ये बॉट्स हर दिन औसतन 125 फर्जी या धोखाधड़ी करने वाले सोशल मीडिया अकाउंट्स को ट्रैक करते हैं।
डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म बना सहायक
DoT का Digital Intelligence Platform अब तेजी से प्रभावी हो रहा है। यह प्लेटफॉर्म बैंकों, टेलीकॉम कंपनियों और अन्य एजेंसियों के बीच डेटा शेयरिंग को आसान बनाता है, जिससे किसी संदिग्ध अकाउंट या सिम पर कार्रवाई का समय घंटों में सिमट गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि FRI की शुरुआत से भारत में साइबर सुरक्षा को नई ताकत मिली है और आम उपभोक्ता को सीधे फायदा हो रहा है।