सरकार का नया प्लान: महंगाई नापने का तरीका बदलेगा, Blinkit-Zepto से मिलेगी कीमतों की जानकारी
punjabkesari.in Monday, Jun 09, 2025 - 11:19 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत सरकार अब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी रिटेल महंगाई दर को मापने के तरीके में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इस नए बदलाव के तहत Blinkit, Zepto और BigBasket जैसे ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध उत्पादों की कीमतों को CPI कैलकुलेशन में शामिल किया जाएगा।
क्यों हो रहा है बदलाव?
वर्तमान में CPI की गणना 2012 को आधार वर्ष मानकर की जाती है, और इसके लिए सरकार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में तय बाजारों से भौतिक रूप से कीमतों का डेटा इकट्ठा करती है। लेकिन उपभोक्ताओं की खरीदारी की आदतों में बदलाव आने के कारण अब डिजिटल खरीदारी को भी CPI में शामिल करने की योजना है। इससे सरकार को वास्तविक उपभोक्ता खर्च और महंगाई के आंकड़ों का अधिक सटीक आकलन करने में मदद मिलेगी।
कहाँ से जुटाया जाएगा डेटा?
सरकार देश के 12 बड़े शहरों को इस योजना के लिए चुनेगी, जहां की आबादी 25 लाख से अधिक है। इन शहरों में लोग अधिकतर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से किराने का सामान, फल-सब्जियां और अन्य जरूरत की चीजें खरीदते हैं। प्रत्येक शहर में प्रमुख ऑनलाइन विक्रेता (जैसे कि बेंगलुरु में Zepto या Amazon, लखनऊ में BigBasket) को चुनकर उस प्लेटफॉर्म से कीमतों का डेटा लिया जाएगा।
क्या-क्या होगा शामिल?
➤ ग्रॉसरी और किराना सामान की कीमतें
➤ मोबाइल और इंटरनेट रिचार्ज
➤ केबल टीवी, OTT सब्सक्रिप्शन
➤ हवाई और रेल यात्रा के किराए
कब से लागू होगा नया CPI?
इस नई प्रणाली के तहत CPI डेटा 2026 से प्रकाशित किया जा सकता है। इसके साथ CPI का बेस ईयर भी 2012 से बदलकर 2024 करने की योजना है।
क्या फायदा होगा इससे?
➤ शहरी और डिजिटल भारत के उपभोक्ता व्यवहार को समझने में मदद
➤ महंगाई के वास्तविक स्तर का सटीक आकलन
➤ नीतिगत फैसलों के लिए अधिक भरोसेमंद डेटा