OYO में check-in का तरीका बदलेगा: Aadhaar की फोटोकॉपी पर लगेगी पाबंदी, UIDAI ला रहा नया सिस्टम
punjabkesari.in Monday, Dec 08, 2025 - 06:21 AM (IST)
नेशनल डेस्क: होटल चेक-इन का अनुभव अब पहले जैसा नहीं रहेगा। UIDAI आधार सुरक्षा को नई परत देने जा रहा है और सबसे बड़ा असर होटल इंडस्ट्री—खासकर OYO जैसी चेन—पर पड़ेगा। आने वाले नियमों के बाद ग्राहकों की आधार कार्ड की फोटोकॉपी लेना पूरी तरह बंद हो जाएगा। यानी अब फाइलों में रखी जाने वाली कॉपी नहीं, बल्कि डिजिटल माध्यम से तुरंत पहचान की पुष्टि करनी होगी। यह बदलाव न सिर्फ गोपनीयता को मजबूत करेगा, बल्कि पहचान की जांच को तेज और पेपरलेस भी बनाएगा।
नए नियम का ढांचा क्या होगा?
UIDAI के प्रमुख भुवनेश कुमार ने PTI से बात करते हुए बताया कि अथॉरिटी ने नई व्यवस्था को आधिकारिक मंजूरी दे दी है। इसके मुताबिक, वे सभी संस्थाएँ—जैसे होटल, इवेंट मैनेजमेंट कंपनियाँ और अन्य संगठन—जो आधार आधारित सत्यापन चाहती हैं, उन्हें UIDAI के साथ रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें ऐसी तकनीक उपलब्ध कराई जाएगी जिसके माध्यम से वे QR कोड स्कैन करके या विकसित किए जा रहे नए आधार ऐप के जरिए किसी भी ग्राहक की पहचान की पुष्टि कर सकेंगे।
नया नियम कब लागू होगा?
कुमार के अनुसार, नियम को औपचारिक रूप से अधिसूचित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जल्द ही यह प्रभावी हो जाएगा। यह व्यवस्था ऑफलाइन सत्यापन की चाह रखने वाले सभी संगठनों के लिए अनिवार्य होगी। इस कदम का मुख्य उद्देश्य पेपर-बेस्ड आधार वेरिफिकेशन को पूरी तरह खत्म करना है, ताकि डेटा लीक और दुरुपयोग का जोखिम पूरी तरह समाप्त हो सके।
तकनीकी बदलाव क्या लाएगा?
नई प्रणाली लागू होने के बाद आधार सत्यापन के लिए किसी मध्यवर्ती सर्वर पर निर्भरता कम होगी। कई बार यह सर्वर डाउन होने पर प्रक्रियाएँ रुक जाती थीं—अब यह परेशानी खत्म होने की उम्मीद है। UIDAI उन संस्थाओं को API (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) का एक्सेस देगा, जिससे वे अपने सिस्टम को आधार सत्यापन के अनुरूप अपडेट रख पाएँगे। इसके अलावा एक नया ऐप भी परीक्षण चरण में है, जो बिना केंद्रीय आधार सर्वर से कनेक्ट किए ऐप-टू-ऐप वेरिफिकेशन की सुविधा देगा। यह तकनीक एयरपोर्ट, दुकानों और उन स्थानों के लिए फायदेमंद होगी, जहाँ आयु-आधारित उत्पादों की बिक्री होती है।
डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी पर क्या असर पड़ेगा?
रिपोर्टों के अनुसार, नए सिस्टम से पेपर-आधारित पहचान जांच पूरी तरह समाप्त हो जाएगी, जिससे ग्राहकों की निजी जानकारी के लीक होने की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी। यह कदम डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के अनुरूप आधार ऑथेंटिकेशन को और सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नया सिस्टम आगामी 18 महीनों में पूर्ण रूप से चालू होने की उम्मीद है।
