बकरी पालन के लिए 50 लाख तक का लोन दे रही सरकार, जानें योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
punjabkesari.in Tuesday, Sep 17, 2024 - 07:59 PM (IST)
नेशनल डेस्क: राजस्थान सरकार ने राज्य में रोजगार बढ़ाने और छोटे किसानों की आय में सुधार करने के लिए बकरी पालन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत राज्य के पशुपालक किसानों को बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए 50% से 60% तक की सब्सिडी दी जा रही है। भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन से भी आय कमाते हैं। इस योजना का उद्देश्य राज्य में बेरोजगारी कम करना और छोटे किसानों को सशक्त बनाना है।
50 लाख तक लोन के साथ सब्सिडी
अगर आप राजस्थान के निवासी हैं और बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो इस योजना से आपको बड़ा फायदा हो सकता है। बकरी पालन योजना के तहत, राज्य के छोटे किसान और बेरोजगार लोग 5 लाख से 50 लाख तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं। इस लोन पर आपको 50% से लेकर 60% तक की सब्सिडी मिलेगी, जिससे आपकी लोन राशि कम हो जाएगी। योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और आप इसके तहत जल्दी आवेदन कर सकते हैं।
योजना के लिए जरूरी दस्तावेज:
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा करने होंगे, जिनमें शामिल हैं:
- आधार कार्ड
- जाति प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- भूमि से जुड़े दस्तावेज
- पशुपालन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक
- मोबाइल नंबर
कैसे करें आवेदन?
योजना में आवेदन करने के लिए आपको अपने नजदीकी पशु चिकित्सा कार्यालय जाना होगा। वहां से आप योजना के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर आवेदन पत्र ले सकते हैं। आवेदन पत्र को सही तरीके से भरकर, आवश्यक दस्तावेजों के साथ कार्यालय में जमा कर पावती प्राप्त करें। आपके आवेदन और दस्तावेजों की समीक्षा के बाद, सही पाए जाने पर आपको योजना का लाभ मिल जाएगा।
राजस्थान में प्रमुख बकरी की नस्लें:
- राजस्थान में मुख्य रूप से सिरोही, मारवाड़ी और जखराना नस्ल की बकरियां पाई जाती हैं।
- सिरोही नस्ल अरावली पर्वत श्रृंखला के आसपास के क्षेत्रों में पाई जाती है।
- मारवाड़ी नस्ल जोधपुर, पाली, बीकानेर, बाड़मेर और जैसलमेर के क्षेत्रों में पाई जाती है।
- जखराना नस्ल अलवर जिले और इसके आसपास के इलाकों में पाई जाती है, जिसका रंग काला होता है और मुंह व कान पर सफेद धब्बे होते हैं।
राजस्थान की बकरी पालन योजना राज्य के किसानों और बेरोजगार लोगों के लिए एक सुनहरा मौका है, जिससे वे बकरी पालन व्यवसाय से आय बढ़ा सकते हैं और आत्मनिर्भर बन सकते हैं।