महबूबा मुफ्ती की सरकार से मांग: पाकिस्तान की गोलीबारी में उजड़े घरों को मिले 50 लाख का मुआवजा
punjabkesari.in Thursday, May 15, 2025 - 05:22 AM (IST)

नेशनल डेस्कः जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में प्रभावित परिवारों के लिए 50 लाख रुपये का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। महबूबा ने कहा कि इस तरह की घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को न्याय मिलना चाहिए और उन्हें उचित सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
महबूबा मुफ्ती ने यह भी कहा कि सरकार को ऐसे मामलों में संवेदनशीलता दिखानी चाहिए और प्रभावित परिवारों के लिए त्वरित और प्रभावी सहायता सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार द्वारा की गई कार्रवाईयों में पारदर्शिता की कमी है और प्रभावित परिवारों को न्याय दिलाने में देरी हो रही है।
#WATCH | Poonch, J&K | PDP Chief Mehbooba Mufti says, "War is not a solution to any problem... War does not achieve anything... Innocent people are killed on both sides... There is a ceasefire between India and Pakistan. It should not become an incident. We have to work hard to… pic.twitter.com/bOOsZeraKb
— ANI (@ANI) May 14, 2025
क्या कहा महबूबा ने
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, "युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है... युद्ध से कुछ हासिल नहीं होता... दोनों तरफ से निर्दोष लोग मारे जाते हैं... भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम है। इसे घटना नहीं बनना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी कि यह कायम रहे और दोनों देशों को इसमें निवेश करना होगा..."।
कई घरों को पहुंचा नुकसान
बता दें कि सीमापार से हुई गोलाबारी में जम्मू कश्मीर के कई इलाके प्रभावित हुए। इसमें राजौरी, बासी नगर में कई घरों को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं बुधवार (14 मई) को जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने राजौरी के गोलाबारी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान की ओर से हाल ही में सीमा पार से की गई गोलाबारी से प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की।
'भारत-पाक को कायम रखना होगा सीजफायर'
वहीं भारत-पाक के बीच सीजफायर पर उन्होंने कहा कि ये सीजफायर कायम रहे इसके लिए भारत और पाकिस्तान दोनों ही मुल्कों को मेहनत करनी पड़ेगी ताकि फिर कभी ऐसे हालात न बनें।