भारतीय रेलवे का ऐतिहासिक कदम, जम्मू-कश्मीर में पहली बार पहुंची मालगाड़ी, घाटी में व्यापार को मिलेगा नया बल

punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 03:33 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारतीय रेलवे ने जम्मू-कश्मीर को भारत के राष्ट्रीय व्यापार ग्रिड में एकीकृत करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पहली मालगाड़ी को पंजाब के रूपनगर से कश्मीर के अनंतनाग तक सफलतापूर्वक पहुंचा दिया है। यह ट्रेन शनिवार दोपहर अनंतनाग स्थित गुड्स शेड पर पहुँची, जो कश्मीर के रसद नेटवर्क और औद्योगिक विकास के लिए एक बड़ा मील का पत्थर मानी जा रही है।

सीमेंट से लदी पहली खेप
करीब 1,380 मीट्रिक टन सीमेंट से लदी इस पहली मालगाड़ी का आगमन घाटी के लिए न केवल एक नए आर्थिक युग की शुरुआत है, बल्कि यह स्थानीय उद्योगों और निर्माण परियोजनाओं को भी नई ऊर्जा देने वाला है। रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने इसे "प्रगति और एकीकरण का सशक्त प्रतीक" बताते हुए कहा कि इससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी, बाजारों तक पहुंच बढ़ेगी और निवेश आकर्षित होंगे। उत्तर रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि अनंतनाग में माल ढुलाई सुविधा की शुरुआत से क्षेत्र में तेज़ और किफायती माल परिवहन संभव हो सकेगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बड़ा बल मिलेगा।

फल और हस्तशिल्प उद्योग को मिलेगा लाभ
हालांकि पहली खेप में सीमेंट भेजा गया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह कनेक्टिविटी विशेष रूप से कश्मीर के फल और हस्तशिल्प उद्योगों के लिए फायदेमंद साबित होगी। भारत की दूसरी सबसे बड़ी फल मंडी सोपोर के अध्यक्ष फ़याज़ अहमद मलिक ने बताया कि इस मालगाड़ी सेवा से दिल्ली तक फलों का परिवहन किराया ₹100 से घटकर ₹30 हो सकता है और समय 6 दिन से घटकर महज 30 घंटे रह सकता है। उन्होंने कहा कि इस सुविधा से घाटी की चेरी, स्ट्रॉबेरी जैसी जल्दी खराब होने वाली फसलों को देश के शहरी बाज़ारों में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी। मलिक ने यह भी सुझाव दिया कि जब तक पश्चिम बंगाल, अहमदाबाद और पूर्वोत्तर जैसे प्रमुख बाज़ारों तक सीधी मालगाड़ियाँ नहीं चलाई जाएंगी, तब तक इस सुविधा का पूर्ण लाभ नहीं मिल पाएगा।

40 घंटे में पहुंची खेप
इस परियोजना की कार्यकुशलता उद्घाटन चरण में ही दिखने लगी है। सीमेंट की खेप के लिए ऑर्डर गुरुवार देर रात दिया गया, शुक्रवार शाम तक माल लोड हुआ और शनिवार दोपहर तक ट्रेन अनंतनाग पहुँच गई यानी महज 40 घंटे में पूरा सफर तय हुआ। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि रेल माल ढुलाई से सड़क परिवहन पर निर्भरता कम होगी, जिससे लागत घटेगी और डिलीवरी समय का पूर्वानुमान आसान हो सकेगा। यह बदलाव विशेष रूप से समय-संवेदनशील उत्पादों और 'जस्ट-इन-टाइम' मैन्युफैक्चरिंग के लिए बेहद अहम है।


यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 6 जून को उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के 63 किलोमीटर लंबे कटरा-संगलदान खंड के उद्घाटन और श्रीनगर से कटरा तक विशेष वंदे भारत ट्रेन सेवा की शुरुआत के बाद सामने आई है।


 


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News Editor

Rahul Rana

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