Gold Price Today: सोने में 56% चांदी में 69% की तेजी, ज्वेलरी शेयरों में 36% की बड़ी गिरावट, जानें आज की लेटेस्ट रेट

punjabkesari.in Thursday, Oct 09, 2025 - 11:29 AM (IST)

नेशनल डेस्क: साल 2025 में सोने और चांदी के बाज़ार में ऐतिहासिक तेज़ी दर्ज की गई है। इस साल अब तक सोने की कीमतों में 56% और चांदी में 69% का जबरदस्त उछाल आया है। लेकिन यह चौंकाने वाली बात है कि जहाँ बुलियन (सोना-चांदी) में निवेश करने वालों की चाँदी हो गई है, वहीं देश की बड़ी ज्वेलरी कंपनियों के शेयर बुरी तरह से लुढ़क गए हैं।

जनवरी से अब तक ज्वेलरी सेक्टर के शेयरों में औसतन 36% तक की भारी गिरावट आई है। बाज़ार विशेषज्ञ इसे उपभोक्ता व्यवहार में बड़े बदलाव का संकेत मान रहे हैं। निवेशकों का झुकाव अब गहने खरीदने की बजाय गोल्ड ETF और डिजिटल गोल्ड जैसे इलेक्ट्रॉनिक विकल्पों की ओर बढ़ रहा है।

ज्वेलरी स्टॉक्स का हाल बेहाल
₹1000 करोड़ से अधिक मार्केट कैप वाली 14 प्रमुख ज्वेलरी कंपनियों के स्टॉक प्रदर्शन ने सेक्टर पर दबाव साफ कर दिया है:

कंपनी    गिरावट (लगभग)
कल्याण ज्वैलर्स    36%
सेन्को गोल्ड    35%
मोटिसन्स ज्वैलर्स    32%
राजेश एक्सपोर्ट्स, पीसी ज्वैलर    4% से 30%


शेयर क्यों गिरे, कहाँ गया पैसा?
यह गिरावट तब आई है जब कई ज्वेलरी कंपनियों ने तिमाही नतीजों में मजबूत मुनाफा दिखाया है (जैसे कल्याण ज्वैलर्स का मुनाफा 48.7% बढ़ा और टाइटन का मुनाफा 52.5% बढ़ा)। इसके बावजूद शेयर गिरने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
➤ बढ़ती कीमतों का असर: सोने-चांदी की रिकॉर्ड कीमतें इतनी ज्यादा हो गई हैं कि ग्राहक अब कम कैरेट वाले गहने खरीद रहे हैं या खरीदारी टाल रहे हैं। इससे कंपनियों की आगे की सेल और मुनाफा प्रभावित होने की आशंका है।
➤ इलेक्ट्रॉनिक निवेश की ओर झुकाव: निवेशक अब गहनों की भौतिक खरीद के बजाय गोल्ड ETF और डिजिटल गोल्ड को सुरक्षित और सुविधाजनक मान रहे हैं।
➤ ETF में रिकॉर्ड निवेश: AMFI के आंकड़ों के मुताबिक, गोल्ड ETF में निवेश अगस्त 2025 में 74% बढ़कर ₹2,190 करोड़ हो गया है। ETF निवेशकों की संख्या भी 56.6 लाख से बढ़कर 80.3 लाख हो गई है, जो स्पष्ट संकेत है कि पैसा स्टॉक से निकलकर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड में जा रहा है।
➤ कमजोर भविष्य की उम्मीदें: निवेशकों को डर है कि ऊंचे दामों के कारण आगामी त्योहारी सीज़न (अक्टूबर से दिसंबर) में मांग बढ़ने के बावजूद कुल बिक्री की मात्रा कम रहेगी, जिससे कंपनियों के मुनाफे पर दबाव आएगा।

आगे की राह: विशेषज्ञों की राय
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट भी बताती है कि अक्टूबर से दिसंबर के बीच मांग तो बढ़ेगी, लेकिन ऊंचे दाम कुल बिक्री को प्रभावित करेंगे।
➤ निवेश की रणनीति: एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर सोने और चांदी के दाम ऐसे ही बढ़ते रहे, तो फिलहाल ज्वेलरी शेयरों से दूरी बनाए रखना समझदारी है।
➤ अपवाद: टाइटन जैसी बड़ी कंपनियाँ अपने विविध व्यापार मॉडल (Diversified Business Model) और मजबूत बाज़ार स्थिति के कारण दबाव को झेलने में सक्षम दिखती हैं। टाइटन ने हाल ही में 34 नए स्टोर खोले हैं और अपनी ज्वेलरी सेल्स में 19% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की है।
➤ गोल्ड और सिल्वर: दूसरी ओर, सोने और चांदी में निवेश की संभावनाएं अभी भी मजबूत बनी हुई हैं, क्योंकि अनिश्चित वैश्विक माहौल में ये सुरक्षित निवेश बने हुए हैं।

 


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Content Editor

Mansa Devi

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