Gold Rate: क्या फिर रिकॉर्ड तोड़ेगा सोना? एक्सपर्ट्स ने किया बड़ा खुलासा!

punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 04:17 PM (IST)

नेशनल डेस्कः अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में हालिया कटौती के बाद, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। जहां एक ओर MCX पर सोने ने 1,10,000 रुपये के पार नया शिखर छुआ, वहीं डॉलर की मजबूती और मुनाफावसूली के चलते कीमतों में हल्की गिरावट भी दर्ज की गई। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह गिरावट अस्थायी है और दीर्घकालिक रूप से सोना अब भी मजबूत निवेश विकल्प बना हुआ है।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमतें हाल ही में 1,10,644 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंची थीं। हालांकि, इसके बाद इसमें लगभग 0.50% की गिरावट दर्ज की गई। विश्लेषकों के अनुसार, इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर की मजबूती और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी है, जो फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों के बाद देखी गई। फिर भी, MCX पर लगातार पांचवें सप्ताह सोने की कीमतों में तेजी बनी रही है। अक्टूबर 2025 का सोना वायदा पिछले सप्ताह शुक्रवार को 1,09,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी तेजी का माहौल रहा, जहां कॉमेक्स (COMEX) पर सोने की कीमत 3,707.65 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।

ब्याज दरों में कटौती

वीटी मार्केट्स के ग्लोबल स्ट्रैटेजी हेड, रॉस मैक्सवेल का कहना है कि, "हालांकि आमतौर पर ब्याज दरों में कटौती से सोने को समर्थन मिलता है, लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग रही। फेड ने साफ किया कि आगे की कटौती डेटा पर निर्भर करेगी और प्रक्रिया क्रमिक होगी। पॉवेल की टिप्पणियों के बाद डॉलर में मजबूती आई, जिससे अल्पकालिक रूप से सोने पर दबाव बना।"

मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया ने भी निकट अवधि के दबाव की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, "बाजार पहले ही इस 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती को कीमतों में शामिल कर चुका था। जब सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा, तो मुनाफावसूली देखने को मिली, जिससे थोड़ी बिकवाली का दबाव आया।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐतिहासिक रूप से, जब मुद्रास्फीति उच्च होती है और ब्याज दरों में कटौती का चक्र शुरू होता है, तब सोना अच्छा प्रदर्शन करता है।

कीमतों में फिर से तेजी

विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घकालिक दृष्टिकोण से सोना अब भी एक मजबूत निवेश विकल्प बना हुआ है। अमेरिका में धीमी आर्थिक वृद्धि, बढ़ती मुद्रास्फीति, केंद्रीय बैंकों की बढ़ती मांग और वर्ष के अंत तक ब्याज दरों में और कटौती की संभावना ये सभी कारक सोने के लिए सकारात्मक संकेत हैं। हालांकि, यदि आगामी आर्थिक आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहते हैं या ब्याज दरों में कटौती में देरी होती है, तो अल्पकालिक अस्थिरता संभव है। लेकिन दीर्घकाल में सोने की कीमतों में फिर से तेजी देखी जा सकती है और यह नए रिकॉर्ड स्तर को भी छू सकता है। यदि आप दीर्घकालिक निवेश की सोच रहे हैं, तो वर्तमान गिरावट के दौरान सोने की खरीद एक समझदारी भरा निर्णय हो सकता है। हालांकि, निकट अवधि में उतार-चढ़ाव की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
 


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Content Editor

Sahil Kumar

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