दहेज उत्पीड़न के फर्जी मुकद्दमों को लेकर कोर्ट ने कहा- ''शादी में मिले उपहार दहेज के दायरे में नहीं''
punjabkesari.in Thursday, May 16, 2024 - 01:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न के फर्जी मुकद्दमों देखते उत्तर प्रदेश के मुख्त सचिन अधिकृत अधिकारी से इस बात के लिए शपथपत्र मांगा है कि विवाह के समय मिले उपहारों की सूची बनाने के नियम का पालन किया जा रहा है और सरकार के दहेज प्रतिषेध अधिकारी की नियुक्ति की है। यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान ने अंकित सिंह व तीन अन्य की धारा 482 के तहत दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
कोर्ट के नियमानुसार दहेज और उपहारों में अंतर है। वर-वधू को मिलने वाले उपहारों को दहेज में शामिल नहीं किया जा सकता । मामले में अगली सुनवाई 23 मई को होगी। कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार ने भारतीय वैवाहिक परंपराओं को दृष्टिगत रखते हुए दहेज प्रतिरोध कानून बनाया गया। इसकी धारा तीन की उपधारा दो में साफ कहा गया है कि शादी के समय मिले उपहारों की सूची तैयार की जाए और उस पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर या अंगूठे के निशान हों।