फर्जी राशन कार्ड से सालों तक लूटती रही पाकिस्तान से आई महिला, अब जेल होगी या देश से होगी बाहर?

punjabkesari.in Monday, Jun 16, 2025 - 04:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। बारादरी इलाके में रहने वाली एक पाकिस्तानी महिला, जो लंबे समय से लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) पर भारत में रह रही थी, ने फर्जी दस्तावेजों की मदद से राशन कार्ड बनवा लिया। यही नहीं, वह खुद को परिवार का मुखिया बताकर सालों से सरकारी राशन भी लेती रही। अब जब यह मामला उजागर हुआ तो पुलिस ने महिला के खिलाफ धोखाधड़ी और सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग का केस दर्ज कर लिया है। इससे जुड़े कई गंभीर सवाल भी उठे हैं – क्या यह सिर्फ राशन घोटाला है या देश की सुरक्षा से जुड़ा बड़ा खतरा?

कैसे किया गया राशन कार्ड का फर्जीवाड़ा?

पुलिस रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला ने भारत में रहते हुए स्थानीय पहचान पत्र बनवाए, जिससे उसने सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड तैयार करवाया। सबसे हैरानी की बात यह रही कि इस कार्ड में उसे मुखिया दिखाया गया और उसी पहचान के जरिए वह हर महीने सरकारी सस्ता राशन उठा रही थी।

  • राशन कार्ड में दी गई जानकारी पूरी तरह फर्जी थी।

  • आधार, स्थानीय पते और परिवार की पहचान को जाली दस्तावेजों से सिद्ध किया गया।

  • इस प्रक्रिया में स्थानीय कर्मचारियों की मिलीभगत की भी जांच की जा रही है।

    अब सवाल उठता है कि इस पाकिस्तानी महिला को कानून के तहत कितनी सजा हो सकती है? जानकारी के अनुसार, यदि कोई विदेशी नागरिक भारत में फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी योजनाओं का फायदा उठाता है, तो उस पर कई धाराएं लग सकती हैं:

संभावित धाराएं:

  • भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी)

  • धारा 468 (जालसाजी का इरादा)

  • धारा 471 (फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल)

  • विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत निष्कासन या डिपोर्टेशन

इन धाराओं के तहत 3 साल से लेकर 10 साल तक की सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। अगर यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला साबित हुआ, तो सजा और कड़ी हो सकती है।

क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है?

प्रथम दृष्टया यह मामला सिर्फ फर्जीवाड़े तक सीमित लगता है, लेकिन प्रशासनिक सूत्रों का मानना है कि:

  • महिला की पृष्ठभूमि और भारत में रहने के उद्देश्य की गहन जांच की जा रही है।

  • कहीं यह जासूसी, हवाला, या आतंकी गतिविधियों से जुड़ी कोई चाल तो नहीं थी।

  • जिन सरकारी कर्मचारियों ने उसके दस्तावेजों को प्रमाणित किया, उन पर भी कार्यवाही तय है।

यदि यह मामला धन शोधन (money laundering) और देश विरोधी गतिविधियों से जुड़ा पाया गया, तो आतंकवाद विरोधी कानून (UAPA) या PMLA के तहत केस भी बन सकता है।

भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों के लिए चेतावनी

यह मामला सिर्फ एक महिला तक सीमित नहीं है। भारत सरकार पहले भी इस बात को लेकर सतर्क रही है कि:

  • विदेशी नागरिक यदि भारत में रहकर सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग करते हैं

  • फर्जी पहचान बनाकर लाभ लेते हैं।

  • या गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल होते हैं
    तो उन पर डिपोर्टेशन, जेल और काली सूची में शामिल किए जाने की कार्रवाई की जाती है।

न्याय प्रक्रिया क्या कहती है?

  • महिला को पहले स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।

  • जांच एजेंसियां उसके दस्तावेजों की वैधता और उसके संपर्कों की पड़ताल करेंगी।

  • अगर मामला सिर्फ राशन तक सीमित रहा, तो धोखाधड़ी और जुर्माने तक सजा रह सकती है।

  • लेकिन यदि पाया गया कि उसने जानबूझकर साजिशन यह कृत्य किया, तो लंबी सजा और आजीवन प्रतिबंध भी संभव है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Ashutosh Chaubey

Related News