हौसले को सलाम: दुर्घटना में गंवाए दोनों पैर, परिवार ने छोड़ा साथ...ब्यूटी पार्लर खोल साकार किया सपना

punjabkesari.in Tuesday, Oct 08, 2024 - 12:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक ऐसी दिव्यांग महिला हैं, जिनकी जिंदगी संघर्ष और साहस की अद्भुत कहानी है। रेखा ने केवल 5 साल की उम्र में एक दुर्घटना में अपने दोनों पैर खो दिए। इस हादसे के बाद उनका जीवन कई कठिनाइयों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। आज रेखा का संघर्ष और आत्मविश्वास हजारों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुका है।

परिवार ने छोड़ा साथ

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रेखा की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। जब वह बड़ी हुईं, तो उनके परिवार ने उनका साथ छोड़ दिया। उन्हें अपने अस्तित्व को नजरअंदाज किए जाने का सामना करना पड़ा। परिवार में उन्हें वह महत्व नहीं मिला, जिसकी वह हकदार थीं। ऐसे में रेखा ने अपने परिवार से दूर होकर अनाथाश्रम में रहने का निर्णय लिया। यहीं से उनके नए जीवन की शुरुआत हुई।

मेहनत और आत्मनिर्भरता

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अनाथाश्रम में रहकर भी रेखा की जिंदगी आसान नहीं थी, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने खुद को मजबूत बनाया। उन्होंने ब्यूटी पार्लर खोलने का सपना देखा और उसे साकार किया। आज वह अपने ब्यूटी पार्लर से आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं और अपनी मेहनत से खुद के लिए एक घर भी बना चुकी हैं।

प्रेरणा का स्रोत


रेखा का ब्यूटी पार्लर न केवल उनके लिए आय का स्रोत है, बल्कि यह उन सभी के लिए प्रेरणा भी है, जो जिंदगी में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनकी मेहनत, साहस और आत्मविश्वास ने उन्हें वह सब कुछ दिलाया, जो एक समय में उनके लिए असंभव लगता था।

रेखा की कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है, जो कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उनका सफर बताता है कि अगर इंसान के पास मजबूत इच्छाशक्ति और खुद पर विश्वास हो, तो कोई भी बाधा उसे रोक नहीं सकती। गाजियाबाद की यह साहसी महिला आज उन सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी हुई हैं, जो कभी हार मानने की सोचते हैं।


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Content Editor

Parminder Kaur

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