Femina Miss India हुई साइबर ठगी का शिकार, गंवाए 99 हजार रुपए

punjabkesari.in Saturday, Dec 07, 2024 - 09:12 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रसिद्ध फैमिना मिस इंडिया वेस्ट बंगाल 2017 की विजेता शिवांकिता दीक्षित साइबर ठगी का शिकार हो गईं हैं। ठगों ने उन्हें डिजिटल अरैस्ट (डिजिटल गिरफ्तारी) के नाम पर करीब दो घंटे तक वीडियो कॉल पर रखा और डर-धमका कर उनसे 99 हजार रुपये ऐंठ लिए। यह घटना शिवांकिता के लिए मानसिक रूप से बहुत कष्टकारी साबित हुई है, और इस मामले में उन्होंने साइबर सेल में शिकायत भी दर्ज कराई है।

ठग ने खुद को बताया CBI अधिकारी
घटना की शुरुआत एक अज्ञात कॉल से हुई, जो शिवांकिता को एक शाम अचानक आई। कॉल करने वाले ने खुद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का अधिकारी बताते हुए कहा कि शिवांकिता के आधार कार्ड से रजिस्टर्ड सिम पर दिल्ली में एक बैंक खाता खोला गया है। उसने यह आरोप भी लगाया कि इस खाते में मानव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और बच्चों के अपहरण की फिरौती की रकम ट्रांसफर की गई है। यह सुनकर शिवांकिता घबरा गईं और उन्होंने बिना किसी शक के बात करनी शुरू कर दी।

साइबर ठग ने वीडियो कॉल का सहारा लिया
शिवांकिता के अनुसार, ठग ने उनसे वीडियो कॉल पर संपर्क किया, जहां उसने पुलिस की वर्दी पहने हुए एक शख्स को दिखाया, जिसके कंधे पर तीन सितारे (थ्री स्टार) थे। इसके साथ ही बैकग्राउंड में "साइबर पुलिस दिल्ली" लिखा हुआ था। ठग ने उनसे यह भी कहा कि वह किसी गंभीर अपराध में शामिल हैं, और अगर वह जल्दी से इस मामले को सुलझा नहीं लेंगी तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। ठग की बातों से डरकर शिवांकिता ने वीडियो कॉल के दौरान करीब दो घंटे तक उसकी बातों का पालन किया और चार अलग-अलग अफसरों से भी बात करवाई गई, जिसमें एक महिला अधिकारी भी शामिल थी। महिला अधिकारी ने शिवांकिता से कहा कि अगर वह मामले को जल्दी सुलझाना चाहती हैं, तो उन्हें पैसे जमा करने होंगे। यह सुनकर शिवांकिता और भी अधिक घबरा गईं और उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से दो बार में कुल 99 हजार रुपये ठग के बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए।

शिवांकिता की रिपोर्टिंग और जांच
इस घटना के बाद से शिवांकिता मानसिक रूप से बहुत परेशान हो गईं। उन्होंने तुरंत साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई और अपने साथ हुई धोखाधड़ी के बारे में पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू कर दी है। साथ ही, साइबर ठगी के खिलाफ चेतावनी देते हुए अधिकारियों ने आम लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

कैसे होता है ऐसा साइबर ठगी का शिकार?
यह घटना इस बात को साबित करती है कि साइबर ठग अब और भी ज्यादा होशियार हो गए हैं और उन्होंने तकनीकी रूप से उन्नत तरीके अपनाए हैं, जिससे वह किसी भी व्यक्ति को आसानी से भ्रमित कर सकते हैं। ठग सोशल इंजीनियरिंग का उपयोग करते हुए किसी को भी अपनी जाल में फंसा सकते हैं। वे खुद को सरकारी अधिकारी, बैंक के कर्मचारी, या अन्य विश्वसनीय स्रोत के रूप में पेश करते हैं ताकि व्यक्ति की संकोच की भावना समाप्त हो जाए और वह बिना सोचे-समझे उनका कहे अनुसार कदम उठाए।

साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता जरूरी
इस घटना से यह स्पष्ट हो जाता है कि डिजिटल दुनिया में सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। ऑनलाइन लेन-देन करते वक्त किसी भी अनजाने कॉल या संदेश का जवाब नहीं देना चाहिए और किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए। साथ ही, अपने बैंक खातों और व्यक्तिगत जानकारियों को हमेशा सुरक्षित रखना चाहिए।

साइबर सेल से किया अपील
शिवांकिता दीक्षित ने इस घटना के बाद साइबर सेल से अपील की है कि इस तरह के ठगों को सख्त सजा मिले और इस प्रकार के फ्रॉड से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी शिकायत के बाद साइबर पुलिस जल्दी से इस मामले की तहकीकात करेगी और ठगों को गिरफ्तार कर उन्हें सजा दिलवाएगी। आज के डिजिटल युग में जब हर व्यक्ति इंटरनेट और मोबाइल का इस्तेमाल करता है, ऐसे में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इससे बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी है। नागरिकों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश से बचने के लिए सावधान रहना चाहिए। साथ ही, अगर कोई भी ऐसी धोखाधड़ी का शिकार होता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए, ताकि ठगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके और अन्य लोगों को ऐसे अपराधों से बचाया जा सके।


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Content Editor

Mahima

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