''बच्चा जब गलती करता है तो नाकारा-निकम्मा कहकर डांटते हैं'': गहलोत बोले- प्रेम से भी कहूं तो लोग बुरा मानते हैं, क्या करूं?

punjabkesari.in Wednesday, Jul 06, 2022 - 11:25 PM (IST)

नेशनल डेस्कः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि वह कई बार प्रेम से लोगो को ‘‘निकम्मा'' कह देते हैं लेकिन लोग उसका बुरा मान लेते हैं। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘ मैं इसका कुछ नहीं कर सकता।'' वह कांग्रेस प्रदेश समिति द्वारा केंद्र सरकार से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग के समर्थन में यहां आयोजित कांग्रेस जनप्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उल्लेखनीय है कि गहलोत ने दो जुलाई को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए 'निकम्मा' शब्द का प्रयोग किया था। शेखावत के नाराज होने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘पड़ोस में जब बच्चे आपस में झगड़ते हैं और कोई दूसरे बच्चे की शिकायत करने जाता है तो कहते हैं कि अरे यह तो बहुत ‘‘निकम्मा'' है, नकारा है अभी बुलाकर डांटता हूं। अपने बच्चे के लिए ही तो कहते हैं। वही बात मैं कहता हूं कई बार कि यह ‘‘निकम्मा '' है, नकारा है। इसका मतलब यह होता है कि ये बच्चा है इसने गलती कर दी होगी, मैं उसे डांटता हूं।'' उन्होंने कहा,‘‘ कई बार प्रेम से भी कहा जाता है। अब मैं प्रेम से कहता हूं तो कई लोग बुरा मान जाते हैं। इसका मैं क्या करूं।'' उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री की अजमेर और जयपुर की रैली में उनकी बात को नहीं सुना।

गहलोत ने कहा ‘‘ अगर कोई मंत्री प्रधानमंत्री की बैठक में उनकी बात को ध्यान से नहीं सुनता तो दिमाग से गैरहाजिर है।'' उनके राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने ‘‘निकम्मे‘ का मतलब सुधार कर काम नहीं करने वाला बताया।उन्होंने कहा, ‘‘ योजना के महत्व को देखते हुए सरकार ने 9,600 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान रखा है। यह कोई हम भीख नहीं मांग रहे है..।…एक भी योजना राजस्थान के लिए राष्ट्रीय परियोजना नहीं है… क्या हमारा हक नहीं है कि राजस्थान की एक योजना को आप राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें।''

 


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Content Writer

Yaspal

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