उत्तर भारत में भारी बारिश से हरिद्वार में गंगा और दिल्ली में यमुना का रौद्र रूप, प्रशासन ने अलर्ट किया जारी

punjabkesari.in Monday, Aug 18, 2025 - 03:30 PM (IST)

नेशनल डेस्कः मानसून की जबरदस्त बारिश ने उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी तबाही मचा दी है। उत्तराखंड, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासन ने आपात स्थिति घोषित करते हुए अलर्ट जारी किया है और राहत-बचाव कार्यों को तीव्र गति से अंजाम देने लगा है। हरिद्वार, मथुरा, वृंदावन और दिल्ली के कई निचले इलाकों में जलभराव के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है।

हरिद्वार में गंगा चेतावनी स्तर से ऊपर

उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर 293.10 मीटर दर्ज किया गया है, जो चेतावनी स्तर से लगभग 10 सेंटीमीटर ऊपर है। सिंचाई विभाग के एसडीओ भारत भूषण शर्मा ने बताया कि लगातार हो रही बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। यदि जलस्तर में और वृद्धि होती है तो तटीय इलाकों के गांवों में पानी घुस सकता है। स्थानीय प्रशासन ने हरिद्वार, ऋषिकेश और आसपास के घाटों पर लोगों से दूर रहने की अपील की है। रविवार देर रात से जारी झमाझम बारिश के चलते निचले इलाकों में जलभराव हो गया है, जिससे कई बाजारों और रिहायशी क्षेत्रों में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

मथुरा-वृंदावन में यमुना ने डुबोए घाट

हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी का असर मथुरा और वृंदावन में साफ नजर आ रहा है। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे कुंभ क्षेत्र और देवरा बाबा घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। कई अन्य घाटों की सीढ़ियां भी पानी में समा गई हैं। प्रशासन ने निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी है।

दिल्ली में यमुना का बढ़ा जलस्तर

राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर सोमवार को 205.33 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से ऊपर है। अधिकारियों का अनुमान है कि देर रात तक यह जलस्तर 206 मीटर तक पहुंच सकता है। दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने राहत और बचाव कार्यों की तैयारियां तेज कर दी हैं। यमुना में 30 नावें तैनात की गई हैं और बोट क्लब व पुराने रेलवे ब्रिज के आसपास निगरानी बढ़ा दी गई है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 2023 में यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जिससे राजधानी के कई हिस्सों में पानी भर गया था और हजारों लोग प्रभावित हुए थे। इस बार भी हालात गंभीर होते नजर आ रहे हैं।

हथिनीकुंड बैराज के पास भूमि कटाव

अधिकारियों के अनुसार यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण हथिनीकुंड और वजीराबाद बैराज से छोड़ा जा रहा पानी है। रविवार को हथिनीकुंड बैराज से करीब 1.78 लाख क्यूसेक और वजीराबाद बैराज से हर घंटे लगभग 36,170 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इन बैराजों से छोड़ा गया पानी दिल्ली तक पहुंचने में 48 से 50 घंटे का समय लेता है। हरियाणा के यमुनानगर जिले में हथिनीकुंड बैराज के पास भूमि कटाव की घटना सामने आई है, जहां तीन एकड़ सागवान का जंगल यमुना में समा गया। हालांकि फिलहाल आसपास के गांवों को कोई बड़ा खतरा नहीं है।

प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

मौसम विभाग ने उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में अगले 24 घंटों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। 19 से 21 अगस्त तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और मलबा बहाव का खतरा बना रहेगा।

देश के विभिन्न राज्यों में नदियों का उफान और भारी बारिश ने चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है और राहत-बचाव दलों को पूरी तरह सतर्क रखा गया है। लोगों से अपील की गई है कि वे नदियों और जलभराव वाले इलाकों से दूर रहें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।


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News Editor

Rahul Rana

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