4 यूरोपीय देशों के साथ Free Trade Agreements, रविवार को डील पर होंगे साइन

punjabkesari.in Saturday, Mar 09, 2024 - 09:05 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत और यूरोपीय समूह ‘ईएफटीए' आपस में वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार तथा निवेश को बढ़ावा देने के लिए रविवार को एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करेंगे। यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के चार सदस्य- आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस समझौते को सात मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई। समझौते को आधिकारिक तौर पर व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (टीईपीए) कहा गया। उन्होंने कहा कि एफटीए के इतिहास में पहली बार ईएफटीए से भारत में लक्ष्य-उन्मुख निवेश को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के बारे में एक कानूनी प्रतिबद्धता को समझौते में शामिल किए जाने की उम्मीद है।

भारत ने समझौते के कार्यान्वयन के बाद पहले 10 साल के दौरान 50 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता और उसके बाद अगले पांच वर्षों में ब्लॉक के सदस्य देशों से 50 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता मांगी है। समझौते के तहत यह प्रतिबद्धता शुल्क कटौती से जुड़ी होगी। इस निवेश से देश में करीब 10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है। समझौते से भारत से इन देशों को निर्यात होने वाले लगभग सभी औद्योगिक वस्तुओं से संबंधित क्षेत्रों को लाभ होने की संभावना है।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि भारतीय प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों को भी ईएफटीए देशों में अधिक बाजार पहुंच मिल सकती है। इसके अलावा, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के अंतर्गत आने वाले फार्मा, चिकित्सा उपकरण और प्रसंस्कृत खाद्य जैसे क्षेत्रों को भी समझौते में शामिल किया जा सकता है। सोया, डेयरी और संवेदनशील कृषि उत्पादों जैसी वस्तुओं को बहिष्करण सूची में रखा जाएगा। इसका अर्थ है कि इन वस्तुओं के लिए समझौते में कोई शुल्क रियायतें प्रदान नहीं की जाएंगी।

भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से आधिकारिक तौर पर व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। अभी तक 10 मार्च को समझौते पर हस्ताक्षर की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। समझौते में 14 अध्याय हैं। इनमें माल में व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल हैं। ईएफटीए ब्लॉक से चार मंत्री हस्ताक्षर में भाग ले सकते हैं।

इन मंत्रियों में स्विस फेडरल काउंसलर और आर्थिक मामलों, शिक्षा और अनुसंधान विभाग प्रमुख गाइ पार्मेलिन, आइसलैंड के विदेश मंत्री बजरनी बेनेडिक्टसन, लिकटेंस्टीन के विदेश मंत्री डोमिनिक हस्लर, और नॉर्वे के व्यापार और उद्योग मंत्री जान क्रिश्चियन वेस्ट्रे हैं। भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी 2008 से समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। ईएफटीए के कनाडा, चिली, चीन, मैक्सिको और कोरिया सहित 40 भागीदार देशों के साथ 29 एफटीए हैं।

मुक्त व्यापार समझौते के तहत, दो व्यापारिक साझेदार सेवाओं और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाने के अलावा, उनके बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को काफी कम या समाप्त कर देते हैं। ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (ईयू) का हिस्सा नहीं हैं।

यह मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और तेज करने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना उन देशों के लिए एक विकल्प के रूप में की गई थी जो यूरोपीय समुदाय में शामिल नहीं होना चाहते थे। ईएफटीए देशों को भारत का निर्यात 2021-22 में 1.74 अरब डॉलर के मुकाबले 2022-23 के दौरान 1.92 अरब डॉलर रहा। पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल आयात 16.74 अरब डॉलर था, जबकि 2021-22 में यह 25.5 अरब डॉलर था।


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Content Writer

Yaspal

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