युद्ध को लेकर पूर्व सेना प्रमुख नरवणे बोले- यह कोई रोमांटिक बॉलीवुड मूवी नहीं, बल्कि एक गंभीर मामला है

punjabkesari.in Monday, May 12, 2025 - 02:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने युद्ध की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा कि युद्ध गंभीर मुद्दा है यह कोई रोमांटिक मूवी नहीं है। उन्होंने कहा कि युद्ध आखिरी विकल्प होना चाहिए और यह किसी भी स्थिति में स्वागत योग्य नहीं है।

युद्ध के बजाय कूटनीति प्राथमिकता-
नरवणे ने कहा कि अगर आदेश दिया गया तो वह युद्ध में जाएंगे, लेकिन उनकी पहली प्राथमिकता कूटनीति होगी। उन्होंने कहा, "हमारी प्राथमिकता बातचीत और मतभेदों को सुलझाना है, न कि सशस्त्र संघर्ष।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर देश पर युद्ध थोपा जाता है, तो सैनिकों के रूप में वह युद्ध के लिए तैयार हैं, लेकिन यह उनका पहला विकल्प नहीं होगा

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युद्ध का मानसिक और सामाजिक प्रभाव:
पूर्व सेना प्रमुख ने सीमा पर रहने वाले नागरिकों के दर्द और संघर्ष के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि PTSD यानि की पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर जैसी मानसिक बीमारियां युद्ध के दौरान देखे गए खौफनाक दृश्यों के कारण लोगों में पाई जाती हैं। वे विशेष रूप से उन लोगों के बारे में बात कर रहे थे जिन्होंने गोलाबारी देखी और अपनी जान बचाने के लिए रात में आश्रयों की ओर भागे। यह मानसिक आघात लंबे समय तक रहता है और युद्ध के बाद कई वर्षों तक प्रभावित व्यक्ति को मनोचिकित्सक की ज़रूरत पड़ती है।

भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष और कूटनीतिक समाधान-
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के संघर्षों के संदर्भ में, नरवणे ने कहा कि कूटनीति और शांति के रास्ते पर चलना सबसे बेहतर तरीका है। उन्होंने कहा कि हमें न केवल देशों के बीच, बल्कि अपने अंदर के मतभेदों को भी सुलझाने की जरूरत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है और हमें कभी भी युद्ध के रास्ते पर नहीं चलना चाहिए।

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ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई-
हाल ही में, भारत ने पाकिस्तान और PoK में 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत की थी, जिसमें भारत ने पाकिस्तान के सात आतंकी ढांचे नष्ट किए। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिशोध में की गई थी, जहां भारत के 26 नागरिकों की जानें चली गई थीं।

भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई पर समझौता-
इसके साथ ही, भारत और पाकिस्तान ने 10 मई को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें दोनों देशों ने सैन्य कार्रवाई और गोलीबारी को रोकने का निर्णय लिया। यह समझौता ज़मीन, हवा और समुद्र पर सभी तरह की सैन्य गतिविधियों को रोकने से संबंधित था।


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News Editor

Radhika

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