केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली नगर निगम में आप पार्षदों के पाला बदलने का अंदेशा

punjabkesari.in Monday, Apr 01, 2024 - 09:00 AM (IST)

नेशनल डेस्क:  लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी (आप) को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। "आप" के सामने सबसे कड़ी चुनौती अगले महीने दिल्ली नगर निगम के होने वाले मेयर चुनाव हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी को भाजपा द्वारा उनके पार्षदों को तोड़े जाने का अंदेशा है।

कांग्रेस और आप अब है एक साथ
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि आप के कई पार्षद दिल्ली मेयर चुनाव से पहले अपना पाला बदल सकते हैं। हालांकि गिरफ्तारी के बाद बदले हुए सियासी समीकरणों के चलते आप और कांग्रेस का लोकसभा चुनाव में गठबंधन है और कांग्रेस मजबूती से आप का समर्थन कर रही है। एम.सी.डी. सदन में 250 सदस्य हैं जिनमें से 134 आप पार्षद हैं। भाजपा के पास 104 के अलावा एक निर्दलीय पार्षद का समर्थन है, जिससे सदन में उसकी संख्या 105 हो गई है। कांग्रेस के पास 9 हैं, जबकि शेष दो सदस्य स्वतंत्र पार्षद हैं।

आप भाजपा पर लगाती रही है आरोप
आप के बहुमत के बावजूद मेयर की कुर्सी की लड़ाई 2023 में एक राजनीतिक घमासान बन गई थी, जब एलजी वीके सक्सेना द्वारा 10 एल्डरमैन की नियुक्ति की गई थी, जिससे विवाद पैदा हो गया था। एल्डरमैन नागरिक मामलों में विशेषज्ञता रखने वाले लोग हैं जिन्हें एम.सी.डी. सदन को निर्णय लेने में मदद करने के लिए उपराज्यपाल द्वारा नामित किया जाता है। आप ने एल्डरमैन पर भाजपा से जुड़े होने का आरोप लगाते हुए सक्सेना पर पक्षपात का आरोप लगाया था। 

आप के पास बहुमत होने के बावजूद निगम में कई समितियों का गठन भी नहीं किया जा सका है जिसके चलते पार्षदों को कार्य करवाने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी के नगर निगम प्रभारी को भी शराब नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने तलब किया है, जिसके चलते आप पार्षद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।   

 


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Content Editor

Mahima

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