पंजाब में किसानों का आंदोलन नहीं बिचौलियों का आंदोलन है: जेपी नड्डा

punjabkesari.in Thursday, Oct 22, 2020 - 08:31 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने गुरुवार को कहा कि किसान हितों से जुड़े नए कानूनों के आने से किसानों को बिचौलियों से आज़ादी मिली है। नड्डा ने दिल्ली देहात किसान संघ की ओर से नए कृषि कानूनों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अभिनंदन समारोह में किसान प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की आर्थिक स्थिति को मज़बूत करने में किसानों ने विशेष योगदान दिया है। उन्होने कहा कि आज़ाद के शुरुआती सालों में हम भोजन के लिए दूसरे देशों पर आश्रित थे लेकिन हरित क्रांति के बाद हम किसानों के योगदान से दूसरे देशों को भी अनाज दे रहे हैं।

नड्डा ने कहा कि पंजाब में किसानों का आंदोलन नहीं बिचौलियों का आंदोलन है। मंडी और आढ़तियों को लेकर किसानों की गुलामी को मोदी जी ने आजाद कर दिया। किसानों को अब भविष्य के बाजार के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। उन्होनें कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ कहा है कि न्यूनतम निर्धारण मूल्य को खत्म नहीं किया जाएगा।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि किसानों के हितों से जुड़ी नीतियां को बहुत पहले लागू हो जानी चाहिए था लेकिन पिछली सरकारें इस बारे में उदासीन रही। किसानों के नाम पर राजनीति होती रही लेकिन किसानों की तकदीर बदलने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं हुआ। नड्डा ने किसान हितों से जुड़ी सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा ‘‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत दस करोड़ किसानों के खाते में सालाना सीधे छह हज़ार रुपए पहुंच रहे हैं जिसके तहत एक साल में ही 92 हज़ार करोड़ रुपए पहुंचाए गए।

कोविड काल के दौरान भी छह करोड़ 56 लाख किसानों तक रुपयों की किश्त जारी की गई। इस रकम से किसानों को दवाई, बीज, कीटनाशक, औजारों की मरम्मत के लिए आर्थिक मदद मिली। प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत पांच करोड़ किसानों को पेंशन के तौर पर तीन हज़ार रुपए की राशि दी जा रही है।‘‘

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ‘‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत नौ करोड़ किसान जुड़े, किसान क्रेडिट काडर् योजना के तहत 70 लाख से ज्यादा काडर् जारी किए गए जिसमें मामूली शुल्क पर 62 हज़ार आठ सौ करोड़ रुपए का कर्ज़ मंजूर किया गया। कृषि उत्पादों की खरीद बिक्री के लिए डिजीटल माध्यम की ‘ई नाम' योजना के तहत एक करोड़ 67 लाख किसान जुड़े हैं जिसके तहत एक लाख करोड़ का लेनदेन हुआ है। 22 करोड़ किसानों की जमीन का सॉयल हेल्थ काडर् बना है। आत्मनिर्भर भारत के लिए घोषित पैकेज में एक लाख करोड़ की राशि सिफर् कृषि क्षेत्र पर खर्च होना है।‘‘

नड्डा ने कहा कि नए कृषि कानूनों के आने के बाद किसान के पास अपने उत्पाद कहीं भी बेचने की आज़ादी होगी और वह बिचौलियों और आढ़तियों की बंदिशों से बाहर निकल सकेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों का विरोध राजनीति से प्रेरित है और इसमें किसान नहीं बिचौलिए शामिल हैं, जिनकी गुलामी से किसानों को मुक्ति मिल गई है।

नड्डा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय किसान हितों की सिफारिशों से जुड़ी स्वामीनाथन रिपोर्ट धूल चाट रही थी। उन्होंने कहा कि किसान कानूनों पर कांग्रेस का विरोध दिखाता है कि वो किसान हितैषी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिश के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य को कृषि उत्पाद लागत का डेढ गुना करने का फैसला किया।

 


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Yaspal

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