आंख फड़कना शुभ-अशुभ नहीं इस विटामिन की कमी के हैं संकेत, जानिए

punjabkesari.in Tuesday, Aug 05, 2025 - 09:13 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भारतीय समाज में आंख फड़कने को अक्सर शुभ या अशुभ संकेत के रूप में देखा जाता है। मान्यता है कि अगर दाईं आंख फड़के तो कुछ अच्छा होने वाला है, और अगर बाईं आंख फड़के तो लोग चिंतित हो जाते हैं। लेकिन क्या वास्तव में आंख फड़कना कोई ज्योतिषीय संकेत है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण छिपा है?

विशेषज्ञों की मानें तो आंखों का बार-बार फड़कना दरअसल शरीर में पोषक तत्वों की कमी या कुछ अन्य शारीरिक कारणों का परिणाम हो सकता है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनल बताती हैं कि लगातार आंख फड़कना कई बार विटामिन्स और मिनरल्स की कमी की ओर इशारा करता है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

क्या है आंख फड़कने की असली वजह?

आंख फड़कने को मेडिकल भाषा में मायोकिमिया (Myokymia) कहा जाता है। यह एक प्रकार की मांसपेशियों की ऐंठन होती है, जो आमतौर पर आंख की पलकों में महसूस होती है। यह कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक रह सकती है।

कौन-कौन से विटामिन्स की कमी से आंख फड़कती है?

1. मैग्नीशियम की कमी

मैग्नीशियम मांसपेशियों को आराम देने और नर्व सिस्टम को नियंत्रित करने का काम करता है। इसकी कमी से मांसपेशियों में झटके आ सकते हैं, जो आंख फड़कने की एक बड़ी वजह बनता है।

2. विटामिन B12 की कमी

विटामिन बी12 की कमी से नर्व सिस्टम प्रभावित होता है और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं। इससे आंख या चेहरे की मांसपेशियों में झटका महसूस हो सकता है।

3. विटामिन D की कमी

विटामिन डी की कमी से मांसपेशियों में कमजोरी और थकावट आती है, जिससे पलकों में फड़कने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

आंख फड़कने लगे तो क्या करें?

  • डाइट में सुधार करें: हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, बीज, डेयरी उत्पाद और अंडे शामिल करें।

  • सप्लिमेंट्स लें: डॉक्टर की सलाह से विटामिन B12, D और मैग्नीशियम के सप्लिमेंट्स लेना फायदेमंद हो सकता है।

  • स्क्रीन टाइम कम करें: मोबाइल, लैपटॉप या टीवी स्क्रीन पर ज़्यादा देर तक देखने से बचें।

  • तनाव से बचें: मेडिटेशन, योग और पर्याप्त नींद लें ताकि मानसिक तनाव कम हो।


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Content Editor

Shubham Anand

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