Mobile Users के लिए राहत की खबर! अब स्पैम नंबर से आएगी कॉल तो पहले ही दिख जाएगा कॉलर का नाम, जानिए कैसे?
punjabkesari.in Thursday, Oct 30, 2025 - 10:07 AM (IST)
नेशनल डेस्क। देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब आपको फर्जी (Fraudulent) और धोखाधड़ी वाली कॉल्स (Scam Calls) से छुटकारा मिलने वाला है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) और डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने मिलकर एक नई सुविधा शुरू करने का फैसला लिया है जिसके तहत हर इनकमिंग कॉल पर कॉल करने वाले का असली नाम मोबाइल स्क्रीन पर दिखाई देगा। इसका मतलब है कि अब आपको यह जानने के लिए किसी थर्ड-पार्टी ऐप जैसे ट्रूकॉलर (Truecaller) की जरूरत नहीं पड़ेगी।
क्या है यह नई सरकारी सुविधा?
सरकार ने इस नए फीचर को कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (Calling Name Presentation- CNAP) नाम दिया है।
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कैसे दिखेगा नाम: जब भी कोई कॉल आएगी तो मोबाइल स्क्रीन पर उस व्यक्ति का वही नाम डिस्प्ले होगा जो उसने KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया के दौरान अपने मोबाइल नंबर के साथ दर्ज किया होगा।
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पहचान की पुष्टि: इससे यूजर्स को तुरंत पता चल जाएगा कि कॉल करने वाला व्यक्ति वास्तविक (Genuine) है या कोई फर्जी कॉलर।
यह सिस्टम ट्रूकॉलर की तरह ही काम करेगा लेकिन इसमें सबसे बड़ा अंतर यह होगा कि यूजर्स का डेटा किसी निजी कंपनी के पास जाने के बजाय सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रहेगा।
इस फीचर को लाने की जरूरत क्यों पड़ी?
पिछले कुछ सालों में फर्जी कॉल्स, बैंक फ्रॉड और स्पैम कॉल्स के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है। अक्सर भोले-भाले लोग बैंक या बड़ी कंपनी के नाम से आए कॉल पर भरोसा कर लेते हैं और अपनी निजी जानकारी या ओटीपी (OTP) साझा करके धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए TRAI और DoT ने यह कदम उठाया है ताकि कॉलर की पहचान पहले से सुनिश्चित हो सके और धोखाधड़ी पर लगाम लगाई जा सके।
CNAP फीचर कैसे करेगा काम?
यह फीचर पूरी तरह से सरकारी डेटाबेस पर आधारित होगा:
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जब कोई व्यक्ति आपको कॉल करेगा।
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उसकी जानकारी सीधे KYC डेटाबेस से ली जाएगी।
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रिसीवर की मोबाइल स्क्रीन पर नाम अपने आप दिखाई देने लगेगा।
उदाहरण के लिए: अगर किसी व्यक्ति का नाम मोबाइल कनेक्शन लेते समय अनुराग के नाम से दर्ज है तो कॉल आने पर स्क्रीन पर अनुराग कॉलिंग जैसा मैसेज दिखाई देगा। इससे यूजर्स को कॉल उठाने से पहले ही पता चल जाएगा कि कॉलर कौन है।
किन्हें मिलेगी छूट?
हालांकि यह फीचर लगभग सभी यूजर्स के लिए अनिवार्य होगा लेकिन कुछ खास लोगों को इससे छूट दी जाएगी। जिन लोगों के पास CLIR (Calling Line Identification Restriction) सुविधा होगी उनका नाम स्क्रीन पर नहीं दिखाया जाएगा। इस छूट में सुरक्षा एजेंसियां, कुछ सरकारी विभाग या वीआईपी (VIP) लोग शामिल होंगे। ऐसे मामलों में छूट देने से पहले सुरक्षा संबंधी जांच-पड़ताल की जाएगी।
कब से लागू होगा यह नियम?
TRAI ने बताया है कि इस फीचर का ट्रायल पहले ही मुंबई और हरियाणा सर्किल में सफलतापूर्वक किया जा चुका है। अब इसे पूरे देश में लागू करने की तैयारी चल रही है। सरकार का मानना है कि यह कदम भारत में डिजिटल सुरक्षा (Digital Security) को और मजबूत बनाएगा साथ ही मोबाइल यूजर्स को एक सुरक्षित कॉलिंग एक्सपीरियंस भी मिलेगा।



