चुनाव सिर पर, दिल्ली भाजपा में अंतर्कलह

punjabkesari.in Thursday, Sep 26, 2019 - 05:03 AM (IST)

नई दिल्ली: 5 महीने बाद दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। सभी पार्टियां अपने आप को दिल्ली में मजबूत करने में जुटी हुई हैं, वहीं ऐन चुनावों से पहले दिल्ली भाजपा में अंतर्कलह का खुलकर सामने आना चिंता का विषय है। इस अंतर्कलह को पार्टी नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। बता दें कि रविवार को एक सार्वजनिक बैठक में पार्टी के पदाधिकारियों के बीच किसी मुद्दे को लेकर नौबत धक्का-मुक्की तक पहुंच गई। इस मामले को लेकर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्टीकरण मांगा है।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली यूनिट को स्पष्ट कर दिया है कि अनुशासनहीनता के ऐसे कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस तरह के कृत्यों में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘राज्य के पदाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि पार्टी की प्रतिष्ठा को कम करने वाली किसी भी कार्रवाई को हल्के से नहीं लिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि दिल्ली के लिए राज्य प्रभारी और चुनाव प्रभारी दोनों ने रविवार की घटनाओं को लेकर राज्य इकाई से रिपोर्ट मांगी है। पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘‘दिल्ली इकाई के पदाधिकारियों की एक बैठक जल्द ही इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाई जाएगी।’’ 

एक अन्य भाजपा नेता ने कहा कि जल्द ही सभी नगर पार्षदों की बैठक बुलाई जाएगी। साथी पार्षदों के खिलाफ शिकायत लेकर सोमवार को पंडित पंत मार्ग स्थित राज्य मुख्यालय में कई पार्षद पहुंचे। रविवार को अनधिकृत कालोनियों पर एक कार्यक्रम के दौरान उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के किरारी में तीन महिला पार्षद और उनके पति पर झगड़े और धक्का-मुक्की के आरोप लगे थे। इसके चलते दिल्ली के पूर्व भाजपा प्रमुख सतीश उपाध्याय को मजबूर होकर कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा। इसी तरह की एक घटना में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत गौतम के सामने गोकुलपुर में जिला पदाधिकारी भड़क उठे। कुछ दिन पहले एक पूर्व मेयर के पति ने अपनी पत्नी को पार्टी की राज्य इकाई के सामने सार्वजनिक तौर पर थप्पड़ मारे। पति, जो भाजपा की एक जिला इकाई के अध्यक्ष थे, को पार्टी की तरफ से तुरंत पद मुक्त कर दिया गया और उनके खिलाफ जांच शुरू की गई है। 

दिलचस्प बात यह है कि सभी 7 लोकसभा सांसदों के एकजुट होने और राजधानी में संयुक्त रूप से एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद ये घटनाएं घटी हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘भाजपा में कभी यह कल्चर नहीं रहा। हमारी पार्टी हमेशा कैडर के अनुशासन के लिए जानी जाती है लेकिन निहित स्वार्थ और सत्ता की भूख धीरे-धीरे पार्टी के मूल्यों पर हावी होती जा रही है।’’ सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व विशेष रूप से दुखी है क्योंकि विधानसभा चुनाव अभी कुछ महीने दूर हैं और इस तरह के झगड़ों से मतदाताओं के बीच गलत संकेत जा सकता है। एक अन्य नेता ने कहा, ‘‘वास्तव में पार्टी के इन पदाधिकारियों में से कई विधानसभा चुनावों के लिए टिकट के दावेदार हैं।’’ 


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Pardeep

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