वोटर सूची में हेरफेर पर लगेगी लगाम, चुनाव आयोग ने लांच की E-Sign आधार वेरिफिकेशन

punjabkesari.in Wednesday, Sep 24, 2025 - 02:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: चुनाव आयोग (EC) ने वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने, सुधार करने या हटाने की ऑनलाइन सेवा में बड़ा बदलाव किया है। अब वोटर आईडी में कोई भी बदलाव करने के लिए आधार से जुड़े मोबाइल नंबर के माध्यम से वेरिफिकेशन करना अनिवार्य होगा। इसके लिए आयोग ने अपने ECINet पोर्टल और ऐप पर ई-साइन (e-sign) फीचर शुरू किया है। यह कदम कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर हजारों वोटर नाम डिलीट करने के विवाद के बाद उठाया गया है।

क्या है ई-साइन सुविधा?
ई-साइन एक ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक साइन सेवा है, जिसे भारत सरकार द्वारा भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के माध्यम से प्रदान किया जाता है। यह सुविधा यूजर्स को अपने आधार नंबर का उपयोग करके डिजिटल रूप से किसी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने की अनुमति देती है। अब चुनाव आयोग ने इसे वोटर आईडी में बदलाव की प्रक्रिया में वेरिफिकेशन के लिए अनिवार्य कर दिया है।

कैसे रोकेगा वोटर लिस्ट का मिसयूज?
पहले वोटर ID नंबर (EPIC) के जरिए मोबाइल नंबर लिंक कर फॉर्म जमा किया जाता था, जिससे कई बार गलत नंबरों का उपयोग हो जाता था। अब ई-साइन फीचर के तहत आवेदक को आधार नंबर डालना होगा और आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर भेजे गए OTP की पुष्टि करनी होगी। OTP वेरिफिकेशन और सहमति के बाद ही फॉर्म सबमिट किया जा सकेगा। यह नियम Form 6 (नया नामांकन), Form 7 (डिलीशन/ऑब्जेक्शन) और Form 8 (सुधार) पर लागू होगा।

बदलाव क्यों जरूरी हुआ?
कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर फर्जी वोटर डिलीट करने के मामले में 6,018 डिलीशन रिक्वेस्ट में से केवल 24 सही पाए गए थे। कई मोबाइल नंबर असली वोटरों से संबंधित नहीं थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले को 18 सितंबर को उठाया था। इस घटना के बाद चुनाव आयोग ने वेरिफिकेशन प्रक्रिया को कड़ा करने का निर्णय लिया।

फिजिकल वेरिफिकेशन भी जरूरी होगा
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी किसी भी वोटर का नाम बिना फिजिकल वेरिफिकेशन डिलीट नहीं किया जाएगा। संबंधित बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा व्यक्तिगत सत्यापन किया जाएगा। मतदाता को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाएगा।

ECINet क्या है?
ECINet एक नया प्लेटफॉर्म है जिसे इस साल की शुरुआत में लॉन्च किया गया है। यह लगभग 40 पुराने ऐप्स और पोर्टल्स को एक साथ जोड़ता है, जिनमें ERONet भी शामिल है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से मतदाता आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और अधिकारी कार्रवाई कर सकते हैं। अब इसमें ई-साइन फीचर भी जोड़ा गया है, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी।


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Content Editor

Shubham Anand

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