चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को दी सख्त चेतावनी कहा- 7 दिन में हलफनामा दें या देश से मांगें मांफी, नहीं है कोई तीसरा रास्ता
punjabkesari.in Monday, Aug 18, 2025 - 09:19 AM (IST)

नेशनल डेस्क: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से लगाए गए वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग (Election Commission of India - ECI) ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने साफ शब्दों में कहा है कि राहुल गांधी को 7 दिनों के भीतर हलफनामा देना होगा या फिर देश से माफी मांगनी होगी। आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि इस मामले में कोई तीसरा विकल्प नहीं होगा। राहुल गांधी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया कि देशभर में बड़ी मात्रा में फर्जी वोटिंग हो रही है। उन्होंने एक पीपीटी (PPT) के ज़रिए आंकड़े दिखाए और कहा कि एक महिला ने दो बार वोट दिया, साथ ही यह भी आरोप लगाया कि मतदान अधिकारी ने खुद यह जानकारी दी है। इन बयानों पर चुनाव आयोग ने कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि बिना सबूत के इतने गंभीर आरोप लगाना लोकतांत्रिक प्रणाली को कमजोर करने की कोशिश है।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, "अगर कोई सोचता है कि सिर्फ एक पीपीटी बनाकर और बिना ठोस आंकड़ों के यह दावा कर सकता है कि एक ही व्यक्ति ने दो बार वोट डाला है, तो यह गलत है। इतने संगीन आरोपों को हम हल्के में नहीं ले सकते।"उन्होंने आगे जोड़ा कि, "राहुल गांधी को या तो हलफनामे के रूप में सबूत देने होंगे या फिर अपने आरोपों के लिए पूरे देश से माफी मांगनी होगी। उन्हें सात दिन का समय दिया गया है। अगर इस समय में हलफनामा नहीं आया तो मान लिया जाएगा कि उनके आरोप निराधार हैं।"
वोटर लिस्ट की शुद्धता को लेकर आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि मतदाता सूची को साफ-सुथरा और पारदर्शी बनाने के लिए SIR (Systematic Investigation of the Rolls) प्रक्रिया चलाई जा रही है।ज्ञानेश कुमार ने बताया, "पिछले 20 वर्षों से यह प्रक्रिया नहीं हुई थी। अब जब अलग-अलग राजनीतिक दलों से शिकायतें आईं तो इसे शुरू किया गया है। बिहार का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि वहां 22 लाख मृत मतदाताओं के नाम लिस्ट में थे, जो कई साल पहले मर चुके थे। अब उन्हें हटाया गया है।"
'चुनाव आयोग हर वोटर के साथ खड़ा है'
मुख्य चुनाव आयुक्त ने साफ किया कि बिना किसी सबूत के किसी भी योग्य वोटर का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि "चुनाव आयोग हर एक मतदाता के साथ चट्टान की तरह खड़ा है।" ECI ने कहा कि जब देश के सबसे बड़े लोकतांत्रिक आयोजन – चुनाव – को लेकर सार्वजनिक रूप से ऐसे गंभीर आरोप लगाए जाते हैं, तो चुनाव आयोग चुप नहीं बैठ सकता।
उन्होंने कहा, "सबसे बड़ी मतदाता सूची, सबसे बड़े चुनाव कर्मचारियों की टीम, और सबसे अधिक मतदान करने वाले लोगों की उपस्थिति में इस तरह के आरोप लगाना बेहद गैर-जिम्मेदाराना है।"