गोलियों से दहल उठा यह देश! महिलाओं ने रोका रास्ता तो सैनिकों ने कर दी धड़ाधड़ फायरिंग, 9 की मौत से मचा हड़कंप
punjabkesari.in Wednesday, Dec 10, 2025 - 10:07 AM (IST)
नेशनल डेस्क। नाइजीरिया के पूर्वोत्तर अदामावा राज्य में सांप्रदायिक झड़पों (Communal Clashes) से निपटने के सेना के तरीके का विरोध कर रही महिलाओं पर सैनिकों द्वारा गोली चलाने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एसोसिएटेड प्रेस (Associated Press) को गवाहों और पीड़ितों के रिश्तेदारों ने बताया कि सैनिकों की ओर से की गई गोलीबारी (Firing) में 9 महिलाओं की मौत हो गई है जबकि 10 अन्य लोग घायल हुए हैं।
प्रदर्शनकारियों पर क्यों चलाई गोली?
महिलाएं अदामावा के लामूर्दे इलाके की एक मुख्य सड़क पर प्रदर्शन कर रही थीं। ये प्रदर्शनकारी स्थानीय अधिकारियों द्वारा लगाए गए कर्फ्यू (Curfew) के बीच सुरक्षा बलों की निष्क्रियता से नाराज़ थीं जिससे बाचामा और चोबो जातीय समूहों के बीच लंबे समय से चल रहे भूमि विवाद को लेकर झड़पें जारी थीं। गवाहों के अनुसार जब महिलाओं ने सैनिकों को रास्ता देने से रोका तो उन्होंने उन पर गोली चला दी। एक पीड़ित महिला की बेटी की मां ग्येले कैनेडी ने बताया कि सैनिकों ने पहले हवा में गोली चलाई और फिर सीधे महिलाओं पर गोली चला दी।
सेना ने किया इनकार, एमनेस्टी ने की पुष्टि
नाइजीरियाई सेना ने अपने बयान में किसी को भी मारने से इनकार किया है। सेना ने मौतों के लिए एक स्थानीय मिलिशिया (Local Militia) को दोषी ठहराया जिसके बारे में उन्होंने कहा कि उसने इलाके में गोलीबारी की थी।
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एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट
दूसरी ओर एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) के नाइजीरिया कार्यालय ने गवाहों और पीड़ितों के परिवारों के बयानों का हवाला देते हुए पुष्टि की है कि सैनिकों ने 9 प्रदर्शनकारियों को मार डाला। एमनेस्टी ने इन हत्याओं की जांच करने और दोषियों को जवाबदेह ठहराने की मांग की है।
जांच के दायरे में नाइजीरियाई सेना
नाइजीरिया में ऐसी हत्याएं आम हैं जहां विरोध प्रदर्शनों और झड़पों के जवाब में तैनात सैनिकों पर अक्सर अत्यधिक बल प्रयोग (Excessive Force) का आरोप लगाया जाता है। 2020 में भी लागोस में पुलिस क्रूरता के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सैनिकों की गोलीबारी में कई लोगों की मौत हुई थी जिसे एक जांच आयोग ने नरसंहार बताया था। ये ताज़ा हत्याएं ऐसे समय में हुई हैं जब नाइजीरियाई सेना पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय जांच के दायरे में है। निवासियों का कहना है कि गांवों में फैली हिंसा से ईसाई और मुस्लिम दोनों प्रभावित हुए हैं।
