नशीले पदार्थों के अवैध उत्पादन या तस्करी वाले देशों की ट्रंप की सूची में भारत-पाक शामिल

punjabkesari.in Thursday, Sep 14, 2017 - 03:59 PM (IST)

वाशिंगटन: अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध रूप से नशीले पदार्थों का उत्पादन या तस्करी करने वाले देशों के तौर पर भारत समेत 21 देशों की पहचान की है। 

नशीले पदार्थों का उत्पादन करने वाले देशों की सूची में ये देश शामिल भारत के अलावा नशीले पदार्थों का उत्पादन या तस्करी करने वाले देशों के तौर पर जिन अन्य दक्षिण एशियाई देशों की पहचान की गई है, उनमें अफगानिस्तान और पाकिस्तान शामिल हैं। म्यामां भारत का एक और पड़ोसी देश है, जो इस सूची में शामिल है।इसके अलावा बहामा, बेलीज, बोलिविया, कोलंबिया, कोस्टा रिका, डोमिनिकन गणराज्य, इक्वाडोर, एल सल्वाडोर, ग्वाटेमाला, हैती, होंडुरास, जमैका, लाओस, मैक्सिको, निकारागुआ, पनामा, पेरू और वियतनाम इस सूची में शामिल हैं।  


ट्रंप ने कहा,‘‘इस सूची में किसी देश की मौजूदगी उस देश की सरकार के नशीले पदार्थ विरोधी प्रयासों और अमरीका के साथ सहयोग के स्तर को प्रतिबिम्बित नहीं करती।’’  उन्होंने बताया कि इस सूची में किसी देश को रखने का मुख्य कारण भौगोलिक, वाणिज्यिक और आर्थिक कारक हैं जिनके कारण इन पदार्थों की तस्करी या उत्पादन होता है,भले ही उस देश की सरकार ने नशीले पदार्थों के नियंत्रण संबंधी कानूनी कदम उठाने के लिए कितने भी प्रयास क्यों न किए हों।


इसके साथ ही ट्रंप ने बोलिविया और वेनेजुएला को ऐसे देशों के तौर पर चिह्नित किया है जो नशीले पदार्थ विरोधी अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के तहत पिछले 12 महीनों में अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करने में बुरी तरह असफल रहे हैं। उन्होंने कहा,‘‘इसके अलावा, अमरीका सरकार ने कोका की अत्यधिक पैदावार और पिछले 12 महीनों मे कोकीन की रिकॉर्ड पैदावार समेत पिछले 3 साल में इसके उत्पादन के कारण नशीले पदार्थ विरोधी अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में बुरी तरह असफल रहने वाले देश के तौर पर कोलंबिया को भी चिह्नित करने पर गंभीरता से विचार किया।’’

ट्रंप ने कहा कि कोलंबिया को इस सूची में इसलिए शामिल नहीं किया गया क्योंकि कोलंबियाई राष्ट्रीय पुलिस और सशस्त्र बल पश्चिमी गोलाद्र्ध में अमरीका के नजदीकी कानून प्रवर्तन एवं सुरक्षा साझीदार हैं और वे प्रतिबंध सभी प्रयासों में सुधार कर रहे हैं और उन्होंने नशीले पदार्थ विरोधी प्रयास पुन: आरंभ कर दिए हैं।  


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