US work visa: ट्रम्प की जीत का भारतीयों पर असर: work visa धारकों की बढ़ी चिंता, युवाओं पर डिपोर्टेशन का खतरा

punjabkesari.in Thursday, Nov 07, 2024 - 10:40 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने का असर भारतीयों, खासकर हरियाणवी युवाओं पर गहरा पड़ सकता है। ट्रम्प के "मेक अमेरिका ग्रेट अगेन" एजेंडे ने वर्क वीजा धारकों, अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीयों, और ग्रीन कार्ड के इंतजार में लगे लोगों के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं।

अवैध रूप से अमेरिका पहुंचे युवाओं का संकट

हरियाणा के हजारों युवा अवैध रूप से डंकी रूट का उपयोग कर अमेरिका पहुंचे हैं, और अब उनकी स्थिति गंभीर हो सकती है। ग्लोबल हरियाणा के चेयरमैन बालेंद्र कुंडू के अनुसार, फिलहाल लगभग 12 हजार भारतीय अमेरिकी डिटेंशन सेंटर में बंद हैं। ट्रम्प की कड़ी आव्रजन नीतियों के चलते इन लोगों को वापस भारत भेजा जा सकता है, जिससे उनके परिवारों और प्रियजनों में चिंता का माहौल है।

वर्क वीजा धारकों और ग्रीन कार्ड आवेदकों पर प्रभाव

एच-1बी वर्क वीजा पर काम कर रहे भारतीयों के लिए ग्रीन कार्ड मिलने में देरी की संभावना जताई जा रही है। ट्रम्प प्रशासन स्थानीय अमेरिकी ग्रेजुएट्स को नौकरी में प्राथमिकता देने की नीति पर जोर दे सकता है, जिससे भारतीयों को ग्रीन कार्ड प्रोसेस में लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

खालिस्तानी और कनाडा से संबंधों में सुधार की उम्मीद

वाशिंगटन डीसी से बैंकिंग और फाइनेंस विशेषज्ञ विक्रम मोर का मानना है कि ट्रम्प की मोदी से करीबी रिश्तों के चलते खालिस्तानी मुद्दे पर भी प्रभाव पड़ सकता है। उनका कहना है कि ट्रम्प प्रशासन और मोदी सरकार के बढ़ते रिश्ते के कारण इस मुद्दे को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, कनाडा के साथ भी संबंधों में सुधार की संभावना है, जो पहले से एच-1बी वीजा धारकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

ट्रम्प के सख्त आव्रजन रुख और "अमेरिका फर्स्ट" नीति से अमेरिका में रह रहे भारतीयों, खासकर अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लोगों के सामने मुश्किलें आ सकती हैं।


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Content Writer

Anu Malhotra

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