क्या जानवरों को भी होती है किडनी फेल और हार्ट अटैक? जानिए इंसानों और जानवरों के शरीर का सबसे बड़ा रहस्य
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 12:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हम अक्सर सोचते हैं कि गंभीर बीमारियां केवल इंसानों को ही होती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जानवरों को भी हमारी तरह किडनी फेल या हार्ट अटैक जैसी समस्याएं हो सकती हैं? इंसानों और जानवरों का शरीर काफी हद तक समान होता है। दोनों के दिल, किडनी, फेफड़े और लिवर जैसे अंग एक जैसे ही काम करते हैं। बस फर्क इतना है कि इंसान अपनी तकलीफ आसानी से बता सकता है, जबकि जानवर चुपचाप दर्द सहते हैं। इसलिए जानवरों में ये बीमारियां अक्सर समय रहते पकड़ में नहीं आतीं।
जानवरों की किडनी कैसे फेल होती है?
किडनी शरीर के लिए बहुत जरूरी होती है। ये हमारे और जानवरों के शरीर से गंदगी निकालती है, पानी और नमक का संतुलन बनाती है, और जरूरी हार्मोन बनाती है। जब किडनी ठीक से काम नहीं करती तो इसे किडनी फेल या क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) कहते हैं। जानवरों में किडनी फेल होने के लक्षण शुरू में कम दिखाई देते हैं। जैसे बहुत ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, भूख कम लगना, वजन घटना, सुस्ती, उल्टी या दस्त। अगर इन लक्षणों पर ध्यान न दिया जाए तो किडनी की बीमारी गंभीर रूप ले सकती है। किडनी फेल होने के कारणों में उम्र बढ़ना, जन्मजात कमजोरियां, संक्रमण या बैक्टीरिया का किडनी तक पहुंचना शामिल है। खासकर कुछ नस्लों के जानवरों में यह समस्या अधिक होती है।
जानवरों में हार्ट अटैक कैसे होता है?
दिल शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। यह खून पंप करके शरीर के हर हिस्से को ऑक्सीजन पहुंचाता है। इंसानों की तरह जानवरों का दिल भी बीमार हो सकता है। इंसानों में हार्ट अटैक अक्सर कोरोनरी आर्टरी ब्लॉक होने से होता है। जानवरों में हार्ट अटैक का कारण अलग हो सकता है। उन्हें अक्सर बिना कोई संकेत के हार्ट की बीमारी होती है, जो अचानक कार्डियक अरेस्ट (दिल का रुक जाना) में बदल सकती है। जानवरों में कार्डियोमायोपैथी, मिट्रल वाल्व डिजीज, उच्च रक्तचाप और जन्मजात दिल की बीमारियां आम होती हैं।
इंसानों और जानवरों के शरीर में क्या समानताएं और क्या अंतर हैं?
इंसान और जानवरों के शरीर में कई अंग जैसे दिल, किडनी, फेफड़े और लिवर लगभग एक जैसे काम करते हैं। दोनों के शरीर में रक्त परिसंचरण की प्रक्रिया, अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना और ऑक्सीजन की आपूर्ति करना समान होता है, जिससे उनका शरीर ठीक तरह से कार्य करता है। हालांकि, सबसे बड़ा अंतर यह है कि इंसान अपनी तकलीफ और दर्द को शब्दों में व्यक्त कर सकता है, जबकि जानवर अपनी परेशानी केवल व्यवहार और शारीरिक लक्षणों के जरिए ही दिखा पाते हैं। इस वजह से जानवरों की बीमारियों का समय पर पता लगाना और उनका इलाज करना इंसानों की तुलना में काफी कठिन होता है।
जानवरों की बीमारियों का इलाज और बचाव कैसे करें?
जानवरों की किडनी और हार्ट की बीमारियों को समय रहते पकड़ना बहुत जरूरी है। अगर आप अपने पालतू जानवर में ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, भूख कम लगना, कमजोरी या सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण देखें तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें। नियमित जांच, सही खानपान और साफ-सफाई से जानवरों को इन गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है। खासकर उम्रदराज जानवरों की नियमित जांच और देखभाल जरूरी होती है।