15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने का क्या हैं इतिहास और अंतर ? जानिए विस्तार से

punjabkesari.in Thursday, Aug 15, 2024 - 03:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले पर लगातार 11वीं बार तिरंगा फहराकर एक नई उपलब्धि हासिल की है। यह उनके कार्यकाल का तीसरा स्वतंत्रता दिवस था और इस बार उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पीछे छोड़ते हुए स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराने के मामले में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। आज हम यहां स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बारे में विस्तार से जानेंगे। आपने कभी ये नोटिस किया है गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडा लहराने का तरीका अलग होता है। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस दोनों ही भारत के एक प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार है। लेकिन इनके आयोजन और महत्व में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। यहाँ पर इन दोनों त्योहारों के इतिहास के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

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स्वतंत्रता दिवस
भारत का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहार है, जो हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन 1947 में भारत की ब्रिटिश उपनिवेशी शासन से स्वतंत्रता की प्राप्ति की वर्षगांठ को चिन्हित करता है। स्वतंत्रता दिवस का महत्व और इसके साथ जुड़े ऐतिहासिक घटनाक्रम को समझना भारत के इतिहास और राष्ट्रीय गर्व के लिए महत्वपूर्ण है।

स्वतंत्रता दिवस का ऐतिहासिक संदर्भ

ब्रिटिश उपनिवेशी शासन:

  • भारत पर ब्रिटिश साम्राज्य का शासन 1858 में शुरू हुआ, जब ईस्ट इंडिया कंपनी का विघटन हुआ और ब्रिटिश राज ने भारत में सीधा प्रशासनिक नियंत्रण संभाल लिया।

  • लंबे समय तक भारतीय लोगों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया, जिसमें प्रमुख नेताओं जैसे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका शामिल थी।

स्वतंत्रता संग्राम:

  • स्वतंत्रता संग्राम में कई प्रमुख आंदोलनों और संघर्षों का आयोजन किया गया, जैसे कि असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, और Quit India आंदोलन।

  • महात्मा गांधी की नेतृत्व में अहिंसात्मक विरोध और नागरिक अवज्ञा के उपायों ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को नया बल प्रदान किया।

स्वतंत्रता की प्राप्ति:

  • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारत में अपनी उपनिवेशी नीति की समीक्षा की और भारतीय स्वतंत्रता की दिशा में कदम बढ़ाया।

  • 15 अगस्त 1947 को, भारत ने आधिकारिक तौर पर स्वतंत्रता प्राप्त की और भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम के तहत, भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता मिली। इस दिन को भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जाता है।

स्वतंत्रता दिवस का आयोजन

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झंडा फहराने की प्रक्रिया:

  • प्रधानमंत्री का संबोधन: स्वतंत्रता दिवस के दिन, प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हैं। इसके बाद, प्रधानमंत्री स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और देशवासियों को संबोधित करते हैं।

  • परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम: झंडा फहराने के बाद, रंगारंग परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, जिसमें भारतीय सेना, वायु सेना, और नौसेना की टुकड़ियां शामिल होती हैं। स्कूलों, कॉलेजों, और सांस्कृतिक संस्थानों द्वारा विशेष प्रदर्शन और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

राष्ट्रीय और सांस्कृतिक महत्व:

  • स्वतंत्रता दिवस के दिन, पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें स्कूलों, सरकारी कार्यालयों, और अन्य संस्थानों में तिरंगा फहराना और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल होती हैं।

  • यह दिन भारत की स्वतंत्रता की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करता है और भारतीय जनता के सामूहिक गर्व और एकता का प्रतीक है।

अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य:

  • स्वतंत्रता दिवस की तरह ही कई देशों में स्वतंत्रता की प्राप्ति की वर्षगांठ पर विशेष आयोजन किए जाते हैं। यह दिन न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व भर में स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के महत्व को दर्शाता है।

समाजिक और राष्ट्रीय भावना:

  • स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय नागरिकों के बीच देशभक्ति की भावना और राष्ट्रीय गर्व को बढ़ावा मिलता है। यह दिन सभी भारतीयों के लिए एक अवसर है कि वे अपने देश के स्वतंत्रता सेनानियों को याद करें और स्वतंत्रता के मूल्यों की सराहना करें। स्वतंत्रता दिवस भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में मनाया जाता है, और यह हर भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है जो स्वतंत्रता, एकता, और राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है।

गणतंत्र दिवस
भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय त्योहार है, जो हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय संविधान के लागू होने की वर्षगांठ को मनाने का अवसर है। गणतंत्र दिवस भारतीय गणराज्य की स्थापना की याद दिलाता है और इस दिन को भारतीय लोकतंत्र और संविधान की ताकत और महत्व को मान्यता दी जाती है।

गणतंत्र दिवस का ऐतिहासिक संदर्भ

भारतीय संविधान की तैयारी:

  • स्वतंत्रता प्राप्ति: 15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की। स्वतंत्रता के बाद, भारत को एक नए संविधान की आवश्यकता थी जो एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में उसके शासन की दिशा निर्धारित कर सके।

  • संविधान सभा का गठन: 1946 में संविधान सभा का गठन किया गया, जिसकी अध्यक्षता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने की। संविधान सभा ने भारतीय संविधान को तैयार करने के लिए लंबी बैठकों और चर्चाओं के बाद 2 साल, 11 महीने, और 18 दिनों में इसे तैयार किया।

संविधान का अंगीकरण:

  • संविधान की अंगीकरण की तिथि: भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इस दिन भारत ने एक गणराज्य के रूप में अपनी पहचान को औपचारिक रूप से मान्यता दी और भारतीय लोकतंत्र की नींव रखी।

  • प्रथम राष्ट्रपति की नियुक्ति: 26 जनवरी 1950 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति बने। यह दिन भारतीय गणराज्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में दर्ज किया गया।

गणतंत्र दिवस का आयोजन

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समारोह की प्रक्रिया:

  • झंडा फहराने की प्रक्रिया: गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रपति नई दिल्ली के राजपथ पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हैं। यह समारोह गणतंत्र दिवस की परेड के साथ होता है।

  • परेड: झंडा फहराने के बाद, राजपथ पर एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। इस परेड में भारतीय सेना, वायु सेना, और नौसेना की टुकड़ियां, विभिन्न राज्यों की झांकियाँ, पारंपरिक नृत्य और संगीत शामिल होते हैं।

  • संस्कृतिक कार्यक्रम: परेड के साथ-साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी होती हैं जो भारत की विविध संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती हैं।

राष्ट्रीय और सांस्कृतिक महत्व:

  • संविधान की महत्वपूर्णता: गणतंत्र दिवस पर भारतीय संविधान की संप्रभुता और उसकी महत्वपूर्णता को मान्यता दी जाती है। यह दिन भारतीय लोकतंत्र की ताकत और संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों और कर्तव्यों को याद दिलाता है।

  • देशभक्ति और एकता: गणतंत्र दिवस पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम और समारोह आयोजित किए जाते हैं, जो भारतीय नागरिकों के बीच देशभक्ति, एकता और राष्ट्रीय गर्व को प्रोत्साहित करते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य:

  • गणतंत्र दिवस की तरह ही कई देशों में गणराज्य की स्थापना की वर्षगांठ पर विशेष आयोजन किए जाते हैं। यह दिन लोकतंत्र, स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों के महत्व को दर्शाता है और विश्व भर में गणतंत्र की अवधारणा को सम्मानित करता है।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर अन्य गतिविधियाँ:

  • प्रेरणादायक भाषण: गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य प्रमुख नेताओं द्वारा प्रेरणादायक भाषण दिए जाते हैं, जो भारतीय नागरिकों को संविधान की महत्वपूर्णता और लोकतंत्र के मूल्यों के प्रति जागरूक करते हैं।

  • अवार्ड और सम्मान: इस दिन विभिन्न राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान भी प्रदान किए जाते हैं, जिनमें वीरता पुरस्कार, समाज सेवा पुरस्कार, और अन्य नागरिक सम्मान शामिल होते हैं।

समाजिक और राष्ट्रीय भावना:

  • गणतंत्र दिवस भारतीय नागरिकों के लिए एक अवसर है कि वे अपने देश के संविधान, लोकतंत्र और गणराज्य के सिद्धांतों की सराहना करें। यह दिन भारतीय संस्कृति, एकता, और विविधता के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस भारतीय लोकतंत्र की स्थिरता, एकता और सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह दिन भारतीय संविधान के मूल्यों और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शक्ति का उत्सव है।

 

 


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Content Editor

Utsav Singh

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