महाशिवरात्रि पर नेपाल में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, पशुपतिनाथ मंदिर पूजा करने पहुंचे लाखों लोग (Video)
punjabkesari.in Wednesday, Feb 26, 2025 - 01:07 PM (IST)
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kathmandu: नेपाल (Nepal) और पड़ोसी भारत से हजारों श्रद्धालु महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के अवसर पर पूजा-अर्चना करने के लिए बुधवार को सुबह से ही पशुपतिनाथ मंदिर(Pashupatinath Temple) में उमड़ पड़े। काठमांडू में बागमती नदी के तट पर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में शिवलिंग की पूजा और दर्शन के लिए मंगलवार देर रात से ही लोगों की कतारें लगने लगीं। ‘पशुपति क्षेत्र विकास न्यास' (पीएडीटी) के सदस्य सचिव मिलन कुमार थापा ने बताया कि पशुपतिनाथ में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए अधिकारियों ने विशेष व्यवस्था की है। स्थानीय प्रशासन ने त्योहार के दौरान भांग, गांजा, शराब, मांस और मछली की बिक्री एवं उपभोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
#Nepal: Lakhs of devotees, saints and visitors coming from different parts of Nepal, India, Bhutan, Bangladesh, Myanmar and others have queued in Pashupatinath Temple to pay obeisance to Pashupatinath on the occasion of #Mahashivaratri. pic.twitter.com/ajbOiO1SM3
— DD News (@DDNewslive) February 26, 2025
मंदिर मंगलवार देर रात सवा दो बजे खुला और भक्तों को शिवलिंग के दर्शन के लिए चारों द्वारों से मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई। पशुपतिनाथ मंदिर में बुधवार को नेपाल और भारत से 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। प्राधिकारियों ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और मंदिर में पूजा-अर्चना के सुचारू संचालन के लिए 4,000 सुरक्षा कर्मियों और 10,000 स्वयंसेवकों को तैनात किया है। मुख्य मंदिर और मंदिर परिसर को फूलों, रंग-बिरंगी रोशनियों, कागज के झंडों और बैनरों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है। मंदिर में दर्शन की सुचारू व्यवस्था के लिए अधिकारियों ने मंदिर के अंदर आठ और बाहर चार कतारें लगवाई हैं। प्राधिकारियों ने भीड़ के प्रभावी प्रबंधन के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए हैं।
भक्त मित्रपार्क, गौशाला और पिंगलास्थान जैसे विभिन्न स्थानों से प्रवेश कर सकते हैं, जहां व्यवस्थित पंक्तियों के जरिए सुचारू आवागमन सुनिश्चित किया जाता है। इसके अलावा, जरूरत पड़ने पर तिलगंगा राम मंदिर से होकर एक अलग मार्ग बनाने की भी तैयारी की गई है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बद्री प्रसाद पांडेय की अध्यक्षता में महाशिवरात्रि मुख्य समारोह समिति का गठन किया गया, जो विभिन्न संगठनों के समन्वय से इस अवसर पर श्रद्धालुओं को नि:शुल्क भोजन, पेयजल और दवाएं उपलब्ध करा रही है। पशुपति विकास न्यास की वरिष्ठ पदाधिकारी रेवती रमण अधिकारी ने बताया कि बुधवार को सुबह साढ़े नौ बजे तक करीब एक लाख 50 हजार श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर चुके थे। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार की सुबह तक यह संख्या 10 लाख को पार कर जाएगी। अधिकारी ने बताया कि करीब 700 नगा बाबाओं सहित करीब 3,500 साधु भारत से मंदिर पहुंचे हैं।
अधिकारी ने बताया कि नगा साधुओं को नि:शुल्क भोजन, पानी, स्वच्छता सुविधाएं, आवास और दवाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को साधुओं के वापस जाने से पहले उन्हें दक्षिणा दी जाएगी जिसके तहत अधिकतम राशि 15,000 रुपये दी जाएगी। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि पर लोग उपवास रखते हैं, शिव मंदिरों में जाते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। महाशिवरात्रि अज्ञानता के अंधकार को ज्ञान के प्रकाश से दूर करने का भी प्रतीक है। महाशिवरात्रि पर पशुपतिनाथ मंदिर में नेपाल, भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों से श्रद्धालु आते हैं। भगवान शिव की पूजा न केवल हिंदू बल्कि बौद्ध और किराती भी करते हैं। कुछ लोग भगवान शिव की पूजा भैरव के रूप में करते हैं।