ऑस्ट्रेलिया के तट पर पहुंचा 150 से अधिक "व्हेल" का झुंड, 90 को दी जाएगी इच्छामृत्यु (Video)

punjabkesari.in Thursday, Feb 20, 2025 - 12:12 PM (IST)

Sydney: ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया में 157 डॉल्फ़िन (False Killer Whales) समुद्र तट पर फंस गई हैं। इनमें से 50 की मौत हो चुकी है, जबकि   90 अभी जीवित हैं। हालांकि, रेस्क्यू प्रयास विफल होने के कारण अधिकारियों ने इन्हें इच्छामृत्यु देने का निर्णय लिया है। रेस्क्यू वर्कर्स ने इन व्हेल्स को वापस समुद्र में भेजने की कई कोशिशें कीं, लेकिन तेज हवाओं और लहरों के कारण वे दोबारा तट पर लौट आईं।  बचाव कार्य के लिए भारी मशीनरी नहीं भेजी जा सकी क्योंकि यह क्षेत्र दुर्गम है। जीवित व्हेल्स को समुद्र में सुरक्षित छोड़ना अब संभव नहीं है। अधिकारियों के अनुसार, इन्हें तड़पने से बचाने के लिए इच्छामृत्यु देना ही एकमात्र विकल्प है।

 

VIDEO: 🇦🇺 Pod of 157 large dolphins stranded on remote Australian beach

Dozens died after the pod was stranded on a beach in Tasmania. Wildlife rangers will begin euthanising the 90 animals that survived after attempts to refloat them failed#AFPVertical pic.twitter.com/iZuSnpdpUO

— AFP News Agency (@AFP) February 19, 2025

व्हेल विशेषज्ञों के अनुसार, झुंड में रहने वाली व्हेल अक्सर एक-दूसरे को बचाने की कोशिश में फंस जाती हैं। एक व्हेल के किनारे आने पर, वह संकट में अन्य को संकेत भेजती है, जिससे पूरी टोली फंस जाती है। समुद्र के जलस्तर में कमी या दिशा भ्रम भी इस घटना का कारण हो सकता है। व्हेल के शव इंसानों के लिए खतरनाक माने जाते हैं  क्योंकि  मृत व्हेल के शरीर में मीथेन गैस बनने लगती है, जिससे यह फट सकती है। इससे संक्रमण और गंध फैल सकती है, जो इंसानों के लिए हानिकारक है। कई बार ऐसी घटनाओं में लोग घायल भी हो चुके हैं।

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इस डॉल्फ़िन को क्यों कहते हैं  False Killer Whales 

  •  ये डॉल्फ़िन की एक प्रजाति हैं, जिनका सिर  Orca व्हेल जैसा होता है।  
  •  वयस्क  6 मीटर लंबे और  1 टन तक भारी हो सकते हैं, जिससे इन्हें स्थानांतरित करना मुश्किल होता है।  
  •  ये इंसानों के लिए हानिरहित हैं, लेकिन सामूहिक रूप से समुद्र तट पर फंसने का कारण अभी अज्ञात है।  
  • इनका नाम खोपड़ी के आकार के कारण पड़ा, जो किलर व्हेल से मिलता-जुलता है।
  • लंबाई 6 मीटर तक और वजन 500 से 3000 किलोग्राम होता है।
  • यह छोटी डॉल्फिन की तरह व्यवहार करती हैं और मछलियां, स्क्विड और कभी-कभी अन्य व्हेल भी खा सकती हैं। 
  • तस्मानिया के पश्चिमी तट पर अक्सर व्हेल फंसने की घटनाएं होती हैं।
  • यह क्षेत्र स्थानीय आदिवासी समुदाय के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
  • अधिकारियों ने आम लोगों से इस इलाके में न जाने की अपील की है।

 

जानकारी के मुताबिक, ज्यादातरये व्हेल हमेशा  साथ रहती हैं। अगर कोई एक व्हेल कहीं फंस जाती है तो बाकी सब भी उसके पीछे जाने लगती हैं। यही वजह है कि समुद्री तट के किनारे एक साथ इतनी सारी व्हेल्स की मौत होती है। कई बार कोई एक व्हेल किनारे पर आ जाती है और फिर तकलीफ में दूसरी व्हेलों के पास संकेत भेजती है। उस व्हेल के सिग्नल्स मिलने पर दूसरी व्हेल्स भी उसके पास आने लगती हैं और फंसती चली जाती हैं। व्हेल एक्सपर्ट का कहना है कि पानी का स्तर कम होने पर भी कई बार ये भटक जाती हैं।

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तस्मानिया पार्क्स एंड वाइल्डलाइफ सर्विस  के अधिकारी  ब्रेंडन क्लार्क  ने बताया,  "हमने पहले मैक्वेरी हार्बर और पश्चिमी तट पर व्हेल स्ट्रैंडिंग के मामलों में सफलता पाई थी। लेकिन इस बार पर्यावरणीय और भौगोलिक चुनौतियां हैं, जिससे पहले की तकनीकों का इस्तेमाल मुश्किल हो सकता है।"  ब्रेंडन क्लार्क ने कहा, "अधिकतर सामूहिक फंसाव (Mass Stranding) पायलट व्हेल में देखने को मिलता है, लेकिन False Killer Whales का यह पहला बड़ा मामला है। यह घटना 50 साल बाद हुई है और अभी जांच जारी है।" वैज्ञानिकों का मानना है कि पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट इस घटना के कारणों को स्पष्ट कर सकती है।  

 


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Content Writer

Tanuja

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