Delhi Red Fort Blast: अमोनियम नाइट्रेट से देश को दहलाने की साजिश के पीछ ये 5 डॉक्टरों का दिमाग... देखें फोटो

punjabkesari.in Tuesday, Nov 11, 2025 - 12:25 PM (IST)

नेशनल डेस्क:  देश की राजधानी एक बार फिर दहशत से कांप उठी — लाल किले के पास हुआ धमाका सिर्फ एक विस्फोट नहीं, बल्कि एक ऐसी कहानी का खुलासा है जिसमें सफेद कोट के पीछे आतंक का चेहरा छिपा हुआ था। इस विस्फोट में नौ लोगों की मौत हुई, और अब जांच एजेंसियों की नज़र डॉक्टरों के एक नेटवर्क पर है जिसने आतंकी गतिविधियों को नया रूप दिया।

लाल किला हादसा — एक डॉक्टर की कार बनी मौत का जाल
दिल्ली में हुए इस धमाके के केंद्र में वही कार थी जिसमें डॉक्टर उमर नबी बैठा था। उमर फरीदाबाद के अल फलाह मेडिकल कॉलेज में काम करता था — वही कॉलेज जो हाल ही में जांच एजेंसियों के निशाने पर आया था। कुछ दिन पहले इसी यूनिवर्सिटी से डॉक्टर मुजम्मिल शकील को गिरफ्तार किया गया था। उसके कमरे से जो बरामद हुआ — वह किसी मेडिकल उपकरण से नहीं, बल्कि जंग के गोदाम से मेल खाता था — 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, एक एके-47 राइफल और गोला-बारूद।

डॉक्टर से दहशतगर्द तक — मुजम्मिल की डार्क लैबोरेटरी
डॉ. मुजम्मिल, जो तीन साल से अल फलाह यूनिवर्सिटी के कैंपस में रह रहा था, एक शांत डॉक्टर नहीं बल्कि विस्फोटक तैयार करने वाला मास्टरमाइंड निकला। उसने अमोनियम नाइट्रेट को आठ बड़े और चार छोटे सूटकेसों में छुपा रखा था। धोज इलाके में किराए पर लिए कमरे में वह गुप्त प्रयोग करता था। जांच एजेंसियों का कहना है कि यही व्यक्ति नेटवर्क का कोऑर्डिनेटर था।

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सहारनपुर से श्रीनगर तक फैला नेटवर्क — डॉ. आदिल की कड़ी
इस गिरोह की एक और अहम कड़ी है डॉ. आदिल अहमद राठर, जो मूलतः अनंतनाग का निवासी है और यूपी के सहारनपुर में मेडिसिन स्पेशलिस्ट के रूप में कार्यरत था। हाल ही में श्रीनगर पुलिस ने उसे जैश-ए-मोहम्मद के प्रचार पोस्टर लगाने के आरोप में पकड़ा था। आदिल ने कुछ समय पहले ही एक स्थानीय महिला डॉक्टर से शादी की थी और शांत जीवन जीने का दिखावा कर रहा था — लेकिन अब जांच एजेंसियां मान रही हैं कि वह आतंकी संगठनों के लिए फंडिंग और ह्यूमन चैनल दोनों का काम कर रहा था।

लखनऊ की डॉक्टर शाहीन — भरोसे की गाड़ी, जिसमें छिपे थे हथियार
लखनऊ की डॉ. शाहीन शाहिद भी इस नेटवर्क की अहम सदस्य बताई जा रही हैं। मुजम्मिल उससे अक्सर उसकी कार लेकर निकलता था, और पुलिस को अब उसी कार से हथियार और संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। दोनों के बीच नजदीकी और लगातार संपर्क ने जांच को और गहराई दी है।

गुजरात में मिला ‘रासायनिक हथियार विशेषज्ञ’ डॉक्टर
इस गिरोह की जड़ें केवल उत्तर भारत में नहीं, बल्कि पश्चिम तक फैली हैं। गुजरात ATS ने कुछ समय पहले एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था, जिसका सरगना था डॉ. अहमद मोहिउद्दीन। उसने चीन से मेडिकल की पढ़ाई की थी और कथित रूप से इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रोविंस से जुड़ा था। मोहिउद्दीन अरंडी के तेल से राइसिन जहर तैयार करने का प्रयोग कर रहा था — यह वही जहर है जो बेहद कम मात्रा में भी इंसान को मार सकता है। उसके पास से चार लीटर तेल, कई कारतूस और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त हुए।

डॉ. उमर — ब्लास्ट वाली कार में मौजूद कथित मास्टरमाइंड
जिस कार में धमाका हुआ, उसमें बैठा डॉ. उमर नबी पुलवामा का रहने वाला था। उसने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से एमडी की पढ़ाई की और कुछ समय जीएमसी अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट रहा। बाद में वह दिल्ली आ गया और अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने लगा। अब माना जा रहा है कि वही इस विस्फोट का मुख्य योजनाकार था। उसकी भाभी का कहना है कि उमर निर्दोष था और परिवार को पुलिस ने पूछताछ के लिए उठा लिया है। वहीं, दिल्ली पुलिस जम्मू-कश्मीर पुलिस के संपर्क में है और पूरे नेटवर्क की जांच जारी है।

फरीदाबाद मॉड्यूल से लेकर दिल्ली ब्लास्ट तक — जांच का फोकस एक
धमाके में इस्तेमाल हुई i20 कार दिल्ली में बदरपुर बॉर्डर से दाखिल होते देखी गई थी। अब यह साफ होता जा रहा है कि यही कार फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ी थी। ब्लास्ट में इस्तेमाल विस्फोटक और फरीदाबाद में मिले अमोनियम नाइट्रेट का केमिकल पैटर्न एक जैसा बताया जा रहा है।


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Content Editor

Anu Malhotra

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