Delhi pollution: पराली नहीं तो फिर दिल्ली में कौन फैला रहा है प्रदूषण? ताजा आंकड़ों ने क्लियर की तस्वीर
punjabkesari.in Thursday, Nov 27, 2025 - 05:36 PM (IST)
नेशनल डेस्क: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का कहर अभी भी जारी है। ऐसे में हवा 'जहरीली' होने का पूरा ठीकरा पंजाब और हरियाणा में जलाई जाने वाली पराली पर फोड़ा जाता है। वहीं भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाले आईआईटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) का डेटा एक बिल्कुल अलग तस्वीर पेश करता है।
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DSS डेटा: पराली का योगदान उम्मीद से कम
DSS के आंकड़ों के अनुसार पराली का योगदान सिर्फ कुछ ही दिनों के लिए अधिक रहा, जबकि प्रदूषण का बड़ा हिस्सा अन्य स्रोतों से आया। 1 अक्टूबर से 26 नवंबर तक सिर्फ 8 दिन ऐसे रहे जब दिल्ली के प्रदूषण में पराली का योगदान 10% से अधिक रहा। केवल 12 नवंबर को ही पराली का हिस्सा 22.47% (जब AQI 418 था) था, जो 20% से अधिक रहा। इसके बावजूद 18-20 नवंबर को जब पराली का योगदान गिरकर 5.4% और 2.8% के बीच रहा, तब भी AQI 325 से ऊपर यानी 'बेहद खराब' श्रेणी में बना रहा। इन आंकड़ों से साफ होता है कि दिल्ली के प्रदूषण की बड़ी वजह ट्रांसपोर्ट और अन्य ऐसे कारक हैं जिनका स्रोत दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में है।
दिल्ली को प्रदूषित करने वाले मुख्य कारक
डीएसएस के डेटा के अनुसार दिल्ली की जहरीली हवा कई कारकों का मिला-जुला रूप है। पराली की तुलना में स्थानीय कारक कहीं अधिक गंभीर हैं।

प्रदूषण में 34.8% हिस्सा अज्ञात स्रोतों से आता है। जब तक इस सोर्स का पता नहीं चलता, प्रदूषण नियंत्रण करना मुश्किल है। मंगलवार और बुधवार दोनों दिन वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन (19.6% से 21.6%) का योगदान सभी ज्ञात स्रोतों में सबसे अधिक रहा।

