Delhi Pollution: दिल्ली में हटाई गई GRAP-3 की पाबंदियां, हवा में सुधार के बाद CPCB ने लिया फैसला
punjabkesari.in Wednesday, Nov 26, 2025 - 09:24 PM (IST)
नेशनल डेस्क : दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बुधवार को बड़ी राहत देते हुए GRAP-3 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान-चरण 3) की पाबंदियां हटाने का आदेश जारी किया। आयोग ने यह फैसला वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में कमी को देखते हुए तत्काल प्रभाव से लागू किया है। हालांकि, फिलहाल GRAP-1 और GRAP-2 के प्रावधान लागू रहेंगे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को दिल्ली का औसत AQI 327 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आने के बावजूद पिछली स्थिति से बेहतर है। इसी सुधार को देखते हुए आयोग ने 11 नवंबर को लगाए गए GRAP-3 चरण की पाबंदियां हटा लीं।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस फैसले की जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की। उन्होंने लिखा कि अब दिल्ली में GRAP-3 के सभी प्रतिबंध समाप्त कर दिए गए हैं और केवल GRAP-2 के नियम लागू रहेंगे। इसके साथ ही, दफ्तरों में लागू 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था और स्कूलों में चल रहा हाइब्रिड मोड भी अब खत्म कर दिया गया है। आगे से सभी व्यवस्थाएं GRAP-2 के दिशा-निर्देशों के अनुसार संचालित होंगी।
मैं सभी दिल्लीवासियों को सूचित करना चाहता हूँ कि CAQM के आदेश अनुसार दिल्ली में अब GRAP-3 की पाबंदियाँ हटा दी गई हैं और राजधानी में GRAP-2 लागू है।
इसी के तहत दफ़्तरों में 50% Work From Home की व्यवस्था खत्म कर दी गई है और स्कूलों में चल रहा हाइब्रिड मोड भी अब बंद कर दिया गया… pic.twitter.com/dNhm6hxXUy
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) November 26, 2025
GRAP के चरणों का तरीका
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति बिगड़ने पर चरणबद्ध तरीके से GRAP लागू किया जाता है।
जब AQI 201 से 300 के बीच होता है, तब GRAP का पहला चरण लागू किया जाता है।
301 से 400 तक पहुंचने पर दूसरा चरण लागू किया जाता है।
401 से 450 के बीच रहने पर तीसरा चरण लागू होता है।
और जब AQI 450 से ऊपर चला जाता है, तो चौथा चरण लागू होता है, जिसमें सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए जाते हैं।
चौथे चरण में दिल्ली में ट्रकों और भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई जाती है (आवश्यक आपूर्ति वाले वाहनों को छोड़कर)। इस दौरान सभी निर्माण गतिविधियां बंद कर दी जाती हैं और सरकारी व निजी दफ्तरों के कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू किया जाता है, जबकि स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाओं में बदल दिया जाता है।
