दिल्ली शराब घोटालाः जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सिसोदिया, दिल्ली हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
punjabkesari.in Thursday, Jul 06, 2023 - 11:20 PM (IST)

नेशनल डेस्कः आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी मामलों में जमानत के लिए बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के दो आदेशों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हाईकोर्ट ने इन मामलों में उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें ‘‘घोटाले'' में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं। उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। हाईकोर्ट ने 30 मई को आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
हाईकोर्ट ने तीन जुलाई को आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले से संबंधित धन शोधन के मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने अपने 30 मई के आदेश में कहा था कि चूंकि कथित घोटाले के वक्त सिसोदिया ‘‘उच्च पद पर आसीन'' थे तो वह यह नहीं कह सकते कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि उनकी पार्टी अब भी राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में है और 18 विभाग संभाल चुके सिसोदिया का अब भी प्रभाव है और चूंकि ज्यादातर गवाह सरकारी सेवक हैं तो उन्हें प्रभावित किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
अदालत ने कहा था कि आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं कि आबकारी नीति ‘साउथ ग्रुप' के इशारे पर उन्हें अनुचित लाभ देने के लिए गलत इरादे से बनाई गई थी। इस तथाकथित ‘साउथ ग्रुप' में राजनीतिज्ञ, व्यवसायी और अन्य लोग शामिल हैं। इन लोगों में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी एवं भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता भी शामिल हैं। सीबीआई ने अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में कई दौर की पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया ने अदालत में निचली अदालत के 31 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी।
अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि सिसोदिया इस मामले में आपराधिक साजिश के प्रथमदृष्टया ‘‘सूत्रधार'' थे और उन्होंने दिल्ली सरकार में अपने तथा अपने सहयोगियों के लिए लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में ‘‘सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख भूमिका'' निभाई। ईडी ‘आप' नेता के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन मामले की भी जांच कर रही है।
सीबीआई और ईडी के अनुसार आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिसोदिया को धनशोधन मामले में नौ मार्च को गिरफ्तार किया था। तीन जुलाई के अपने आदेश में, हाईकोर्ट ने उन्हें ईडी मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था।