''प्रलय'' मिसाइल की खरीद को रक्षा मंत्रालय की मंजूरी...आतंकियों पर मौत बनके बरसेगी ये, जानिए इसके बारे में सबकुछ

punjabkesari.in Monday, Sep 18, 2023 - 11:46 AM (IST)

नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए पहली प्रलय टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल रेजिमेंट को बनाने के लिए मंजूरी दे दी है। रक्षा अधिकारियों के मुताबिक सेना की सैन्य क्षमताओं में अधिक मारक क्षमता जोड़ने का निर्णय रक्षा अधिग्रहण परिषद की हालिया बैठक के दौरान लिया गया था। यह मिसाइल आतंकियों की मौत होगी। इस मिसाइल के जरिए भारतीय सेना अपनी रॉकेट फोर्स को और मजबूत बनाएगी।

 

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित सैन्य आवश्यकताओं के अनुसार रेंज में और वृद्धि के लिए तैयार हैं। प्रलय सेना की सूची में सबसे लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल होगी। प्रलय ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के साथ मिलकर भारत की रॉकेट फोर्स का आधार बनेगा। चीन और पाकिस्तान दोनों ने पहले ही सामरिक उद्देश्यों के लिए बैलिस्टिक मिसाइलों को तैनात किया है।

 

चीन के पास इस तरह की डोंगफेंग-12 मिसाइल है. जबकि, पाकिस्तान के पास गजनवी, एम-11 (चीन से मिली) और शाहीन मिसाइल है। यह खरीद इन मिसाइलों के अधिग्रहण के लिए भारतीय वायु सेना को दी गई इसी तरह की मंजूरी के बाद की गई है। इस मिसाइल का आइडिया पूर्वी चीफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का था।

 

प्रलय मिसाइल की खासियत

 

  • कम दूरी की सतह से हवा और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है।
  • इसकी रेंज 150 से 500 किलोमीटर है। प्रलय की स्पीड 1200 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी लेकिन यह बढ़कर 2000 किलोमीटर प्रतिघंटा तक जा सकती है।
  • हवा से टारगेट पर गिरते समय इसकी गति ज्यादा हो जाती है क्योंकि उस समय गुरुत्वाकर्षण काम करने लगता है।
  • यह लगभग 350 किलोग्राम से 700 किलोग्राम तक के घातक हथियार ले जाने में सक्षम है।
  • यह एक उच्च विस्फोटक पूर्वनिर्मित विखंडन वारहेड, पेनेट्रेशन-कम-ब्लास्ट (PCB) और भगोड़ा इनकार प्रवेश सबम्यूनिशन (RDPS) भी ले जा सकता है।
  • मिसाइल एक ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर द्वारा संचालित होती है और इसकी मार्गदर्शन प्रणाली में अत्याधुनिक नेविगेशन और एकीकृत एवियोनिक्स सहित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है।

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Content Writer

Seema Sharma

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