"साइबरस्टॉर्म" से खाड़ी देशों में हड़कंप: ईरान का दावा- इजराइल ने भारतीय सॉफ्टवेयर से चुराया संवेदनशील डेटा!

punjabkesari.in Sunday, Jun 29, 2025 - 03:23 PM (IST)

International Desk: मध्य-पूर्व में बड़ा साइबर विवाद खड़ा हो गया है।  ईरान ने आरोप लगाया है कि भारतीय इंजीनियरों द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर  में  इज़राइली खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ के लिए बैकडोर  मौजूद हैं, जिनके ज़रिए इज़राइल को अरब देशों के संवेदनशील डेटा की रियल टाइम एक्सेस मिल रही थी। ईरान का कहना है कि भारत, इज़राइल और खाड़ी देशों के बीच आईटी साझेदारी के नाम पर बड़ा जासूसी नेटवर्क खड़ा कर दिया गया, जिसमें  एयरपोर्ट, नागरिक डेटा, पासपोर्ट सिस्टम और यहां तक कि सैन्य सॉफ्टवेयर तक को गुप्त रूप से कंट्रोल किया गया।


 
क्या है ‘इज़राइली बैकडोर’ का आरोप?
ईरान, चीन और रूस के साझा साइबर एक्सपर्ट्स ने कथित तौर पर एक जांच में पाया कि भारत में बनाए गए सॉफ्टवेयर में ऐसे कोड शामिल हैं जो इज़राइल को पासवर्ड, मूवमेंट डेटा और हथियार नियंत्रण प्रणाली तक सीधा एक्सेस देते थे। यह सॉफ्टवेयर  सऊदी अरब, कुवैत, कतर और यूएई  जैसे देशों में वर्षों से इस्तेमाल हो रहा था।

 

मोसाद की साइबर चालबाज़ी 
ईरान ने दावा किया है कि“भारतीय कोडर्स ने जानबूझकर सॉफ्टवेयर में ऐसे बैकडोर छोड़े जिससे इज़राइल को विदेशी प्रणालियों पर साइबर नियंत्रण मिल सके। इससे सिर्फ जानकारी नहीं चुराई गई, बल्कि कुछ मामलों में सैन्य उपकरण भी रिमोटली हैंडल किए गए।” इस खुलासे के बाद  सऊदी अरब, यूएई, कतर और कुवैत की सरकारों में हड़कंप मच गया है। कई मंत्रालयों ने इंफ्रास्ट्रक्चर ऑडिट शुरू कर दिए हैं।राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा परिषदों को जांच तेज करने के आदेश दिए गए हैं।
 
 


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Content Writer

Tanuja

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