कौन बनेगा नया उपराष्ट्रपति, जानिए NDA और INDIA के पास कितना वोट?

punjabkesari.in Monday, Aug 18, 2025 - 12:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा, इसको लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। एनडीए ने अपने उम्मीदवार के रूप में महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के नाम का ऐलान कर दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया। अब सभी की नजरें विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक पर टिकी हैं, जो अभी अपने उम्मीदवार पर सहमति नहीं बना पाया है।

INDIA ब्लॉक की बैठक खरगे के चैंबर में

विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर रणनीति बनाने के लिए आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में बैठक होनी है। इस बैठक में INDIA गठबंधन के प्रमुख नेता शामिल होंगे और उम्मीदवार के नाम पर विचार करेंगे। लेकिन अब तक कोई नाम सामने नहीं आया है।

सीपी राधाकृष्णन: एक अनुभवी चेहरा, एक मजबूत संदेश

बीजेपी ने राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाकर न केवल विपक्ष में सेंध लगाने की कोशिश की है बल्कि तमिलनाडु में अपनी सियासी पकड़ मजबूत करने का भी इशारा दिया है। राधाकृष्णन एक ओबीसी समुदाय (गाउंडर जाति) से आते हैं। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से 16 साल की उम्र से जुड़े रहे हैं और दो बार कोयंबटूर से सांसद रह चुके हैं। साथ ही, झारखंड, तेलंगाना और पुडुचेरी जैसे राज्यों में राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वर्तमान में वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं।

क्या DMK करेगी समर्थन या रखेगी विरोध?

चुनाव से पहले बीजेपी की रणनीति तमिलनाडु को केंद्र में रखकर बनाई गई है। ऐसे में DMK के लिए राधाकृष्णन का विरोध करना आसान नहीं होगा। तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव भी हैं। यदि डीएमके ने उनका विरोध किया, तो बीजेपी इसे तमिलनाडु विरोधी कदम की तरह पेश कर सकती है। ऐसे में डीएमके की स्थिति काफी पेचीदा हो गई है।

वोटिंग का पूरा गणित कैसा है?

उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य ही मतदान करते हैं। वर्तमान में लोकसभा में कुल 542 सदस्य हैं, जबकि राज्यसभा में 240 सदस्य हैं। यानी कुल मिलाकर 782 सांसद इस चुनाव में वोट डालने के पात्र हैं। बहुमत के लिए 392 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है। ऐसे में जब एनडीए के पास 422 सांसदों का समर्थन है, तो यह साफ हो जाता है कि उनके उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय है। उनके पास बहुमत से कहीं अधिक समर्थन है, जिससे यह चुनाव अब एक औपचारिकता मात्र नजर आता है। विपक्ष के असमंजस और भीतर चल रही खींचतान को देखते हुए भी राधाकृष्णन की राह और आसान हो गई है।

विपक्ष में बिखराव के संकेत, SP से अलग-अलग सुर

विपक्ष की एकजुटता की तस्वीर भी अब साफ होती जा रही है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि उपराष्ट्रपति को आम सहमति से चुना जाना चाहिए। वहीं, पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इस विषय पर फैसला विपक्षी दलों की बैठक में लिया जाएगा। ये विरोधाभासी बयान यह दिखाते हैं कि विपक्ष अब तक एक राय नहीं बना सका है।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Ashutosh Chaubey

Related News