CORONA VIRUS: कोरोना जांच किट के सवालों पर अभी भी चुप है स्वास्थ्य अधिकारी, नहीं मिल पा रहा कोई जवाब

punjabkesari.in Wednesday, Apr 01, 2020 - 12:15 PM (IST)

कोरोना के संक्रमित तेजी से बढ़ने लगे हैं। लेकिन अभी भी देश में संक्रमित लोगों की जांच पर सवाल बना हुआ है। आईआईटी दिल्ली की टीम ने 1200 रुपये में देश को कोरोना जांच की किट दिलाने का वादा किया है। किट का आरंभिक डिजाइन तैयार हो गया है, लेकिन इसे संक्रमित लोगों के सैंपल(स्वैब) पर परीक्षण के बाद अंतिम रूप दिया जा सकता है। किट तैयार करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि सैंपल आने के बाद किट के तैयार होने के बारे में कुछ कहा जा सकता है।

किट मिलने की संभावना हो रही है कम
लेकिन सूत्र के अनुसार अब कुछ एथिकल इश्यू की वजह से आईआईटी दिल्ली को सैंपल मिल पाने की संभावना नहीं है। कुछ एथिकल इश्यू सामने आ रहे हैं। ऐसे में आईआईटी दिल्ली ने अपने स्तर से कुछ अन्य विकल्पों पर विचार करना शुरू कर दिया है। बताते हैं वह किट तैयार करने के लिए अन्य तरीके प्रयोग में लाए जाएंगे।

हर सवाल को टाल रहे है स्वास्थ्य अधिकारी
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी अभी इस सवाल को टाले जा रहे हैं। इसके अलावा टेस्ट किट के परिणाम देने की सफलता से जुड़े सवाल पर पुणे की माई लैब की खामोशी भी अभी तक बरकरार है। माईलैब के विशेषज्ञ यह नहीं बता पा रहे हैं कि जब भारत में कोरोना के मामले मार्च के दूसरे सप्ताह से आने शुरू हुए हैं, ऐसे में उनकी जांच किट के परिणाम की सफलता की गारंटी क्या है? ये छह सप्ताह के रिकार्ड टाइम में आईसीएमआर की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वाइरोलॉजी के लिए किट तैयार की है। यह किट अमेरिका के फूड एंड एडमिनिस्ट्रेशन(एफडीए) तथा डब्ल्यू एचओ के मानक के अनुरुप है। माईलैब ने इस किट को माइलैबपैथोडिटेक्ट कोविड-19 किट का नाम दिया है।

महज ढाई घंटे में जांच का दावा
कंपनी ने दावा किया है कि एक किट से 100 लोगों का परीक्षण किया जा सकेगा। अगले सप्ताह तक एक लाख किट की आपूर्ति की जा सकेगी और आरटीपीसीआर आधारित किट के माध्यम से एक प्रयोगशाला औसतन 1000 लोगों की जांच कर सकेगी। एक बार की जांच में 7-8 घंटे की बजाय महज ढाई घंटे लगेंगे।


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Riya bawa

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