नई स्टडी में खुलासा...डायबिटीज में दवा से कम नहीं हैं बादाम, जानें कब और कितनी मात्रा में करें सेवन

punjabkesari.in Monday, Mar 10, 2025 - 06:36 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। वर्तमान में, करीब 101 मिलियन लोग मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित हैं, जबकि 136 मिलियन लोग प्री डायबिटिक अवस्था में हैं। अध्ययन से यह भी सामने आया है कि एशियाई भारतीयों में प्रीडायबिटीज से टाइप 2 डायबिटीज में संक्रमण का खतरा अधिक है। इस समस्या से निपटने के लिए बादाम को एक प्रभावी विकल्प माना जा रहा है। बादाम में पाए जाने वाले फाइबर, वनस्पति प्रोटीन, मोनोअनसैचुरेटेड वसा और शून्य चीनी इसे रक्त शर्करा के नियंत्रण के लिए मददगार बनाते हैं।

हालिया अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि भारत में बादाम का सेवन रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। कई शोधों में यह देखा गया है कि रोजाना बादाम खाने से टाइप 2 मधुमेह, प्रीडायबिटीज, मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में सुधार हो सकता है।

प्रीडायबिटीज और किशोरों पर शोध नई दिल्ली में राष्ट्रीय मधुमेह, मोटापा और कोलेस्ट्रॉल फाउंडेशन के डॉ. अनूप मिश्रा और उनकी टीम ने हाल ही में दो महत्वपूर्ण अध्ययन किए। इनमें पाया गया कि नियमित रूप से बादाम खाने से प्री डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित लोगों के रक्त शर्करा नियंत्रण में सुधार हुआ। एक महीने के अध्ययन के दौरान, 23.3% प्रतिभागियों ने प्रीडायबिटीज को सामान्य रक्त शर्करा स्तर में बदलने में सफलता पाई। मुंबई में एक अन्य अध्ययन में किशोरों और युवा वयस्कों को शामिल किया गया। इसमें देखा गया कि तीन महीने तक प्रतिदिन 56 ग्राम बादाम खाने से उनके रक्त शर्करा, कोलेस्ट्रॉल और सूजन संबंधी संकेतों में सुधार हुआ।

टाइप 2 डायबिटीज और अधिक वजन वाले लोग
नई दिल्ली में हुए एक अध्ययन में यह पाया गया कि बादाम के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज वाले व्यक्तियों में रक्त शर्करा नियंत्रण और हृदय स्वास्थ्य दोनों में सुधार हुआ। इस अध्ययन में लगभग 50 एशियाई भारतीयों ने अपनी दैनिक कैलोरी का 20 प्रतिशत बादाम से प्राप्त किया। इसके परिणामस्वरूप, उनके रक्त शर्करा और हृदय जोखिम कारकों में सकारात्मक बदलाव देखे गए।

चेन्नई में हुए एक अन्य अध्ययन में 352 मोटे व्यक्तियों को शामिल किया गया। जिनमें से एक समूह को 12 सप्ताह तक प्रतिदिन बादाम खाने को कहा गया, जबकि दूसरे समूह को सामान्य आहार दिया गया। बादाम खाने वाले समूह में रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार देखा गया, जबकि दूसरे समूह में ऐसा कोई बदलाव नहीं हुआ।

निष्कर्ष इन सभी अध्ययनों से यह साफ है कि भारत में मधुमेह और प्री डायबिटीज को नियंत्रित करने में बादाम का सेवन एक प्रभावी उपाय हो सकता है। खासकर एशियाई भारतीयों के लिए, जिनमें डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए, भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए बादाम की खपत बढ़ाना एक स्मार्ट रणनीति हो सकती है।


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Content Editor

Harman Kaur

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