कांग्रेस का भाजपा पर हमला, कहा- देश बेरोजगारी के ‘टाइम बम' पर बैठा है, केंद्र सरकार रोजगार नहीं दे सकती

punjabkesari.in Thursday, Mar 28, 2024 - 08:06 AM (IST)

नेशनल डेस्क : कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट (आईएचडी) की भारत में रोजगार की स्थिति से संबंधित रिपोर्ट को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि देश बेरोजगारी के ‘टाइम बम' पर बैठा है और युवा यह समझ चुके हैं कि मोदी सरकार रोजगार नहीं दे सकती। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा एवं जयराम रमेश तथा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने इस रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस के पास रोजगार को लेकर ठोस योजना है।

खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘हमारे युवा मोदी सरकार की दयनीय उदासीनता का खामियाजा भुगत रहे हैं, क्योंकि लगातार बढ़ती बेरोजगारी ने उनका भविष्य बर्बाद कर दिया है।'' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आईएलओ और आईएचडी की रिपोर्ट के अनुसार भारत में बेरोजगारी की समस्या गंभीर है। उन्होंने दावा किया, ‘‘ हम बेरोज़गारी के ‘टाइम बम' पर बैठे हैं। लेकिन मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार यह कहकर प्रिय नेता का बचाव करते हैं कि सरकार बेरोजगारी जैसी सभी सामाजिक, आर्थिक समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती।''

राहुल गांधी ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "कल ही मैंने पूछा था कि ‘क्या नरेन्द्र मोदी के पास रोज़गार के लिए कोई योजना थी भी? आज ही सरकार का जवाब आया - नहीं"। उन्होंने दावा किया कि यह रिपोर्ट न सिर्फ रोज़गार पर मोदी सरकार की भीषण नाकामी का दस्तावेज है बल्कि कांग्रेस की रोज़गार नीति पर मुहर भी है। राहुल गांधी ने कहा, "रिपोर्ट के मुताबिक भारत के कुल बेरोज़गारों में 83 प्रतिशत युवा हैं। या तो उनके पास नौकरी है ही नहीं या वह बहुत ही कम मेहनताने पर बुरी दशा में काम करने को मजबूर हैं। रिपोर्ट कहती है 65 प्रतिशत पढ़े लिखे युवा बेरोज़गार हैं।

30 लाख सरकारी पदों को भरेंगे

हमारी गारंटी है, हम 30 लाख सरकारी पदों को भरेंगे।" उन्होंने कहा, "कांग्रेस की नीतियां ही ‘रोज़गार की गारंटी' हैं, यह सरकार की रिपोर्ट से भी साबित हो गया है। भाजपा का मतलब - बेरोज़गारी और बेबसी, कांग्रेस का मतलब - रोज़गार क्रांति। फर्क साफ है।" कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘भारत के कुल कार्यबल में जितने बेरोजगार हैं, उनमें 83 प्रतिशत युवा हैं।

कुल बेरोजगारों में शिक्षित युवाओं की हिस्सेदारी 2000 में 35.2 प्रतिशत थी। 2022 में यह 65.7 प्रतिशत यानी लगभग दोगुनी हो गई है।'' उन्होंने कहा कि दूसरी ओर प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार कह रहे हैं कि ‘सरकार बेरोजगारी की समस्या हल नहीं कर सकती।' प्रियंका गांधी ने दावा किया, ‘यही भाजपा सरकार की सच्चाई है। आज देश का हर युवा समझ चुका है कि भाजपा रोजगार नहीं दे सकती।''

क्षेत्र के रोज़गार का प्रतिशत बढ़ा दिया

जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन और इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट द्वारा कल जारी ‘द इंडिया एंप्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024' पिछले 10 साल के ‘अन्याय काल' में भारत के श्रम बाजार को लेकर कुछ चिंताजनक तथ्य प्रस्तुत करती है।'' रमेश के अनुसार, आईएलओ की इस रिपोर्ट से पता चलता है कि मोदी सरकार ने कम वेतन वाले अनौपचारिक क्षेत्र के रोज़गार का प्रतिशत बढ़ा दिया है, जिनमें किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा नहीं होती है।

2019-22 तक औपचारिक रोज़गार 10.5 प्रतिशत से घटकर 9.7 प्रतिशत हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी के कुप्रबंधन के कारण कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने बुधवार को मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की उस कथित टिप्पणी को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला किया कि सरकार सभी सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती है। चिदंबरम ने कहा कि उनकी पार्टी के पास बेरोजगारी से निपटने के लिए एक ठोस योजना है जिसका उल्लेख घोषणापत्र में किया जाएगा। 


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News Editor

Parveen Kumar

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