राजस्थान राजनीतिक संकट: नेता सोशल मीडिया पर कर रहे शेरो शायरी और कस रहे तंज

punjabkesari.in Tuesday, Jul 14, 2020 - 03:44 PM (IST)

जयपुर: मैं बोलता हूं, तो इल्जाम है बगावत का, मैं चुप रहूं तो बड़ी बेबसी सी होती है.... कांग्रेस के खिलाफ बगावती रुख अपना चुके राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी एवं राज्य पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने मंगलवार सुबह जब यह ट्वीट किया तो भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने न केवल इस पर दाद दी, बल्कि इसे रिट्वीट भी किया। राजस्थान में जारी राजनीतिक उठा पटक के बीच नेता सोशल मीडिया पर शेरो शायरी के जरिए विरोधी खेमे पर तंज कसने से नहीं चूक रहे। सिंह ने मंगलवार सुबह ट्वीट किया, मैं बोलता हूं, तो इल्जाम है बगावत का, मैं चुप रहूं तो बड़ी बेबसी सी होती है।

इस ट्वीट को डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों ने साझा किया, जिनमें भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पूनिया भी शामिल हैं। पूनिया ने इसके साथ ही टिप्पणी की, वाह राजा साहब,बेहद खूब; बेअंदाज है आपके निराले अंदाज। आप न तो इल्जाम की परवाह करते हैं; न आप बेबस हो सकते हैं। जय हो, विजय हो आपकी। वहीं, भाजपा के नेता एवं केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने इसे रिट्वीट करते हुए लिखा, कुशासन के विरोध में आवाज उठाना ही सही मायने में वर्तमान का सेवाधर्म और प्राचीन काल का राजधर्म है। आपने एक सच्चे नायक होने का एहसास दिलाया है। वर्तमान का घटनाक्रम राजस्थान की कांग्रेस सरकार के जनविरोधी शासन का परिचायक है।'' इसके बाद सिंह ने एक और ट्वीट किया, मेरी फितरत ही कुछ ऐसी है कि ग़ा लिबन सच कहने का लुत्फ़ उठाता हूं मैं। 

उल्लेखनीय है कि सिंह गहलोत सरकार के उन तीन मंत्रियों में से एक हैं, जो विधायक दल की सोमवार को हुई बैठक में शामिल नहीं हुए। पायलट खेमे के एक और विधायक मुकेश भाकर ने भी सोशल मीडिया पर लिखा था, जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है, उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है। हालांकि इसे लेकर वह काफी ट्रोल भी हुए। राजस्थान के इस सियासी नाटक के केंद्र में मौजूद सचिन पायलट इस बारे में सोशल मीडिया पर चुप हैं। 


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Edited By

Anil dev

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