विधानसभा चुनाव: हिंदुत्व पर खुद ही फंसती जा रही है कांग्रेस

punjabkesari.in Wednesday, Nov 28, 2018 - 07:05 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राजस्थान विधानसभा चुनाव में सत्तारुढ भाजपा सत्ता विरोधी लहर को कम करने के लिए हिन्दुत्व का सहारा ले रही है जिसमें कांग्रेस भी फंसती नजर आ रही हैं। चुनाव की रणभैरी बजने से पहले भाजपा की स्थिति को काफी कमजोर माना जा रहा था लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभाएं तथा हिन्दुत्व के मुद्दे उठने से माहौल में काफी फर्क नजर आ रहा है। भाजपा नेता कांग्रेस के नेताओं की चूक और बयानबाजी को हाथोंहाथ लेकर मुद्दा बना रहे हैं।  

मुस्लिम उम्मीदवारों के सामने उतारे धार्मिक संत
टिकट वितरण में ही दोनों पार्टियों में बुनियादी फर्क नजर आ गया था जहां कांग्रेस ने पन्द्रह मुस्लिम उम्मीदवार उतारे वहीं भाजपा ने सिर्फ एक मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया। इसी तरह कई मुस्लिम उम्मीदवारों के सामने धार्मिक संतों को उतारकर भाजपा ने सीधी अपनी अलग रेखा बना दी। इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुम्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभाओं में राममंदिर और राष्ट्रवाद की दलीलों ने हिन्दुत्व के माहौल को और गर्माया। भाजपा ने चुनाव घोषणा पत्र में भी मुसलमानों के साथ कोई वायदा नहीं कर फिर अपना अलग चेहरा दिखा दिया। 

गौत्र, जाति और धर्म पर छिड़ी बहस 
बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे, कानून व्यवस्था तथा आर्थिक स्थिति के मुद्दे पर्दे के पीछे आ गये तथा गौत्र, जाति और धर्म के मुद्दों पर न केवल चुनाव सभाओं में बल्कि चैनलों पर बहस में छा रहे हैं। कांग्रेस नेताओं के मंदिर दर्शन और हिन्दुत्व के मुद्दों पर भाजपा की बयानबाजी का मुकाबला नहीं करने से यह लगने लगा है कि कांग्रेस भी इसमें फंसती नजर आ रही हैं। हालांकि कांग्रेस भाजपा पर हिन्दुत्व के नाम पर गुमराह कर चुनावी लाभ लेने का आरोप लगा रही हैं लेकिन इस तरह भी यह मुद्दा चुनाव चर्चा से अलग नहीं हो पा रहा है। 

कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला 
कांग्रेस नेता मोदी को बड़े बड़े सपने दिखाकर गुमराह करने वाला ‘‘फैंकू’’ साबित करने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस नेता भाजपा नेताओं के व्यवहार को मुद्दा बना रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अभिवादन में झुकने पर तंज कसा था जिसको राजे ने महिला का अपमान से जोड़ दिया। राज्य की दो सौ सीटों में कांग्रेस 195 सीटों पर चुनाव लड़ रही है तथा पांच सीटें सहयोगी दलों को दी हैं। भाजपा सभी सीटों पर हैं। इसके अलावा बसपा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सहित कई छोटे मोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें करीब सवा सौ सीटों पर कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला हैं जबकि शेष सीटों पर त्रिकोणात्मक एवं चतुष्कोणीय मुकाबला हैं। 


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vasudha

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