दिल्ली में टूटा कांग्रेस-AAP गठबंधन, गोपाल राय बोले- अकेले लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
punjabkesari.in Friday, Jun 07, 2024 - 07:58 AM (IST)
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नेशनल डेस्कः आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था और उन्होंने संकेत दिया कि सत्तारूढ़ पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पार्टी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद राय ने कहा कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में ‘इंडिया' को पूरा समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, " ‘इंडिया' गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए था। कई दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था और ‘आप' भी इसका हिस्सा थी। फिलहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कोई गठबंधन नहीं हुआ है।"
#WATCH | Delhi Minister Gopal Rai says, "This is clear from the very first day that the INDIA alliance was formed for Lok Sabha elections. As far as Vidhan Sabha is concerned, no alliance has been formed. AAP will fight elections with its full strength." pic.twitter.com/NaymN3cS9h
— ANI (@ANI) June 6, 2024
राय ने कहा कि को हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि लोकसभा चुनाव में जनादेश "तानाशाही" के खिलाफ था। उन्होंने कहा, "हमने अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों में चुनाव लड़ा। हमारे शीर्ष नेता जेल में हैं। सभी सीट पर जीत का अंतर कम हुआ है।" राय ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ‘आप' कार्यकर्ताओं में निराशा थी, लेकिन पार्टी कठिन परिस्थितियों में भी एकजुट रही और तानाशाही के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि ‘आप'-कांग्रेस गठबंधन का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि दिल्ली में भाजपा उम्मीदवारों की जीत का अंतर कम हो गया है।
‘आप' के दिल्ली संयोजक ने कहा, "बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आठ जून को हम पार्षदों के साथ बैठक करेंगे और 13 जून को दिल्ली के सभी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक होगी। चूंकि केजरीवाल जेल में हैं, इसलिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा।" उन्होंने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया कि आदर्श आचार संहिता हटने के बाद विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए सभी पार्टी विधायक शनिवार और रविवार को कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करेंगे। दिल्ली में लोकसभा चुनाव में ‘आप'-कांग्रेस गठबंधन को एक भी सीट नहीं मिली, जबकि भाजपा ने रिकॉर्ड तीसरी बार सभी सात संसदीय सीट पर जीत का परचम लहरा दिया।