महिला सहकर्मी को देखकर गाना गाना या टिप्पणी करना यौन उत्पीड़न नहीं: High Court

punjabkesari.in Friday, Mar 21, 2025 - 06:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बंबई उच्च न्यायालय ने एक निजी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी को राहत देते हुए कहा कि महिला सहकर्मी के बालों पर टिप्पणी करना और उसके बारे में गाना गाना अपने आप में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न नहीं है। न्यायमूर्ति संदीप मार्ने ने 18 मार्च के अपने आदेश में कहा कि यदि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपों को सही मान भी लिया जाए तो भी उससे यौन उत्पीड़न के बारे में कोई ‘‘ठोस निष्कर्ष'' नहीं निकाला जा सकता।

दरअसल, पुणे में एक बैंक के एसोसिएट क्षेत्रीय प्रबंधक विनोद कछावे ने औद्योगिक अदालत द्वारा जुलाई 2024 में दिए उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें बैंक की आंतरिक शिकायत समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के खिलाफ उनकी अपील को खारिज कर दिया गया था। इस रिपोर्ट में उन्हें कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत कदाचार का दोषी ठहराया गया था। समिति की रिपोर्ट के बाद, कछावे को उप क्षेत्रीय प्रबंधक के पद पर पदावनत कर दिया गया।

महिला शिकायतकर्ता के अनुसार, याचिकाकर्ता ने उसके बालों पर टिप्पणी की और उसके बालों का जिक्र करते हुए एक गाना भी गाया। शिकायत में कहा गया है कि एक अन्य मामले में, उसने कथित तौर पर अन्य महिला सहकर्मियों की मौजूदगी में एक पुरुष सहकर्मी के निजी अंग के बारे में टिप्पणी की। उच्च न्यायालय ने कहा कि बैंक की शिकायत समिति ने इस बात पर विचार नहीं किया कि याचिकाकर्ता का कथित आचरण यौन उत्पीड़न है या नहीं।

अदालत ने कहा, ‘‘यदि घटना से संबंधित आरोपों को सही मान भी लिया जाए, तो भी यह मानना ​​कठिन हो जाता है कि याचिकाकर्ता ने यौन उत्पीड़न का कोई कृत्य किया है।'' उच्च न्यायालय ने बैंक की सितंबर 2022 की आंतरिक रिपोर्ट के साथ-साथ पुणे औद्योगिक न्यायालय के आदेश को भी खारिज कर दिया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Harman Kaur

Related News