सबसे सस्ती बिजली देने का दावा एकदम खोखला : माकन

punjabkesari.in Saturday, Sep 14, 2019 - 04:50 AM (IST)

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री व प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने कहा है कि बिजली चोरी में कमी की वजह से बिजली कम्पनियों को तकरीबन 2100 करोड़ रूपए की फालतू कमाई हुई लेकिन बिजली के दाम कम करने की जगह बढ़ा दिए गए। 

माकन शुक्रवार को आल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस दिल्ली द्वारा ‘आप की सौगात जनता का पैसा निजी बिजली कम्पनियों के पास’ विषय पर एक संगोष्ठी में बोल रहे थे। संगोष्ठी में प्रोफेशनल पावर सेक्टर से जेनेन्द्र कर्दम, प्रवीण खण्डेलवाल, वाईसी जैन, मुकेश सिन्हा ने भी अपने विचार रखे। माकन ने अपने पावर पॉइन्ट प्रेजेन्टेशन को दिखाते हुए कहा कि दिल्ली में 2100 करोड़ रूपए का यह सगन किसकी जेब में गया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने एक अखबार में लेख लिख कर कहा था कि दिल्ली की एक निजी बिजली कम्पनी के अनुसार बिजली चोरी में 9 प्रतिशत की कमी हुई है। 

उन्होंने कहा कि 2018-2019 में निजी बिजली कम्पनियों का राजस्व 23451 करोड़ रहा और प्रति प्रतिशत यह 234.51 करोड़ रूपए रहा है। केजरीवाल ने बिजली को लेकर दिल्ली के लोगों को गुमराह किया है तथा बिजली कम्पनियों से सांठ गांठ करके केजरीवाल सरकार के द्वारा पिछले पांच वर्षों में बिजली कम्पनियों को सब्सिडी के रूप में दिल्ली के लोगों की गाढी कमाई में से 8532.64 करोड़ रुपए दिए, जिनका कोई हिसाब किताब नहीं है जबकि केजरीवाल ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में कहा था कि वे सब्सिडी बिजली कम्पनियों को न देकर सीधे दिल्ली ट्रांस्को को देगें जबकि उन्होंनें 8532.64 करोड़ रुपए की सब्सिडी बिजली कम्पनियों को क्यों दे डाली।

उन्होंने बिजली के प्रति यूनिट दामों का एवरेज बिल्ड रेट पर बोलते हुए कहा कि दिल्ली में 2018-2019 में यह प्रति यूनिट 8.45 रूपए है जबकि अन्य राज्यों में यह दिल्ली से कम है। केजरीवाल यह दावा करते हैं कि दिल्ली में पूरे देश की तुलना में बिजली के दाम सबसे कम हैं। उदाहरण के लिए सूरत में यह दाम जहां 6.41 रूपए हैं, और मुंबई (टीपीसी-डी) में यह 7.51 रूपए है। 

मध्य प्रदेश में 6.59 रूपए, अहमदाबाद में 6.60 रूपए, पंजाब में 6.63 रूपए, मध्य प्रदेश में 6.59 रूपए, मुंबई वेस्ट में 6.94 रूपए, राजस्थान (2018-2019) में 7. 04 रूपए, हरियाणा में 7.05 रूपए, बंगलौर में 7.37 रूपए है। इस प्रकार केजरीवाल में सबसे सस्ती बिजली देने का वादा एक क्रूर मजाक है। माकन ने कहा कि बिजली कम्पनियों द्वारा इकट्ठी की गई इस राशि को तुरन्त उनसे वापस लिया जाना चाहिए।


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Pardeep

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