चीन की 'वन बेल्ट, वन रोड' परियोजना को नहीं मिला भारत का समर्थन, पहले भी हो चुका है विरोध

punjabkesari.in Tuesday, Dec 01, 2020 - 10:39 AM (IST)

नेशनल डेस्क:  भारत को छोड़कर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के बाकी सभी सदस्य देशों ने सोमवार को हुई ऑनलाइन बैठक के दौरान एक बार फिर चीन की महत्वाकांक्षी ''वन बेल्ट, वन रोड'' परियोजना का समर्थन किया। भारत कई बार 50 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर अपना विरोध जता चुका है जोकि ओबीओआर परियोजना का हिस्सा है और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है। 

 

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बाकी देशों ने दिया चीन को समर्थन 
एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद की 19वीं बैठक के समापन पर जारी एक संयुक्त विज्ञप्ति में कहा गया है कि कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने चीन की ‘वन बेल्ट, वन रोड' (ओबीओआर) पहल के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की। विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने बताया कि बैठक में रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने हिस्सा लिया जबकि पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व विदेश मामलों की संसदीय सचिव ने किया। भारत की मेजबानी में हुई इस ऑनलाइन बैठक को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी संबोधित किया। 

 

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एससीओ में आतंकवाद का हुआ जिक्र 
आठ सदस्यीय एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए  नायडू ने कहा कि क्षेत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद है और उन्होंने विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद के बारे में उल्लेख किया। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिये बगैर कहा कि आतंकवाद सही मायने में मानवता का दुश्मन है। यह एक संकट है जिसका हमें सामूहिक रूप से मुकाबला करने की आवश्यकता है। 

 

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क्या है 'वन बेल्ट, वन रोड' परियोजना
चीन ने आर्थिक मंदी से उबरने, बेरोजगारी से निपटने और अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए 'वन बेल्ट, वन रोड' परियोजना को पेश किया है। चीन ने एशिया, यूरोप और अफ्रीका को सड़क मार्ग, रेलमार्ग, गैस पाइप लाइन और बंदरगाह से जोड़ने के लिए 'वन बेल्ट, वन रोड' के तहत सिल्क रोड इकोनॉमिक बेल्ट और मैरीटाइम सिल्क रोड परियोजना शुरू की है। इसके तहत छह गलियारे बनाए जाने की योजना है। इसमें से कई गलियारों पर काम भी शुरू हो चुका है। 
 


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vasudha

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