भारत में बने iPhone की अमेरिका में बढ़ी मांग, चीन को छोड़ा पीछे
punjabkesari.in Thursday, May 29, 2025 - 01:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क. भारत ने iPhone शिपमेंट के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है, खासकर अमेरिका में भारत में बने उपकरणों की माँग बढ़ रही है। हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि भारत ने अमेरिका को iPhone निर्यात में चीन को पीछे छोड़ दिया है, जिसमें शिपमेंट में साल-दर-साल 76 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है। इस विकास का श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा चीनी उत्पादों पर लगाए गए 30 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ को दिया जा सकता है, जिसने भारत से अमेरिकी बाजार में iPhone निर्यात में वृद्धि के लिए दरवाजे खोल दिए हैं।
भारत ने अमेरिका को iPhone निर्यात में चीन को पछाड़ा
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अप्रैल में अमेरिका को लगभग 3 मिलियन iPhones (या 30 लाख यूनिट) का निर्यात किया और चीन से शिपमेंट केवल 9,00,000 यूनिट था। भारत से iPhone शिपमेंट में यह उल्लेखनीय 76 प्रतिशत की वृद्धि एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि Apple ने इस बदलाव को सुविधाजनक बनाने के लिए पिछले कुछ वर्षों में एक रणनीति को अंजाम दिया है।
विनिर्माण परिवर्तन के कारण
2020 में कोविड महामारी के कारण आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं के मद्देनजर Apple ने चीन के बाहर विनिर्माण परिचालन स्थापित करने का निर्णय लिया। इसने भारत में सुविधाएं स्थापित कीं, जिससे देश को चीन के बाद iPhone उत्पादन के लिए दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बनाया गया। इसके अतिरिक्त अमेरिका में चीन से iPhones पर 30 प्रतिशत टैरिफ 2 अप्रैल से लागू किया गया है, जबकि भारत और अन्य देशों से आयात पर 10 प्रतिशत की अधिक अनुकूल शुल्क है।
भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियाँ
Apple के CEO टिम कुक ने पुष्टि की है कि भारत में निर्मित iPhones जून तिमाही से अमेरिकी बाजार में उपलब्ध होंगे। आशाजनक वृद्धि के बावजूद शोध फर्मों ने चेतावनी दी है कि वर्तमान उछाल अल्पकालिक हो सकता है। अमेरिका में iPhones की माँग प्रत्येक तिमाही में लगभग 20 मिलियन यूनिट है। एक ऐसा लक्ष्य जिसे भारत 2026 तक प्राप्त नहीं कर सकता है। जबकि Apple भारत में अपनी विनिर्माण क्षमता का विस्तार करने के लिए काम कर रहा है। उत्पादन कितनी तेजी से बढ़ सकता है, इसकी सीमाएं हैं।