2024 में चीन और भारत ने वैश्विक व्यापार में किया शानदार प्रर्दशन, UNCTAD रिपोर्ट में खुलासा
punjabkesari.in Saturday, Mar 15, 2025 - 01:42 PM (IST)

नेशनल डेस्क. 2024 में चीन और भारत ने वैश्विक व्यापार वृद्धि को पीछे छोड़ते हुए अंतर्राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन किया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, UN ट्रेड एंड डेवलपमेंट (UNCTAD) के ग्लोबल ट्रेड अपडेट से मिली है। दोनों देशों ने व्यापार प्रदर्शन में उत्कृष्टता दिखाई, लेकिन व्यापार घाटे में बढ़ोतरी और बदलती व्यापार रणनीतियों को लेकर कुछ चिंताएं भी हैं, जो 2025 में नए खतरे पैदा कर सकती हैं।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़ रहा है। वहीं भारत का रूस के साथ बढ़ता हुआ घाटा, ऊर्जा व्यापार की बदलती दिशा के कारण, नए शुल्क, प्रतिबंध या निवेश में बदलाव का कारण बन सकता है, जिससे आर्थिक अनिश्चितता में वृद्धि हो सकती है।
UNCTAD ने चेतावनी दी है कि हालांकि वैश्विक व्यापार में लचीलापन है, यह शक्ति 2025 में दबाव में आ सकती है। संगठन ने यह भी कहा कि वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना और संतुलित नीतियों को अपनाना आर्थिक विखंडन को कम करने और दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि संरक्षणवादी उपायों और बदलती व्यापार रणनीतियों के कारण जोखिम बढ़ रहे हैं, जहां एक ओर सेवाओं का व्यापार मजबूत बना हुआ है। वहीं वस्तुओं का व्यापार अधिक अनिश्चितता का सामना कर रहा है। सरकारें अब व्यापार नीतियों में टैरिफ, सब्सिडी और औद्योगिक नीतियों का ज्यादा इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे वैश्विक व्यापार प्रवाह में बदलाव हो रहा है।
UNCTAD ने कहा, "अमेरिका, यूरोपीय संघ और अन्य देश व्यापार उपायों को आर्थिक सुरक्षा और जलवायु लक्ष्यों से जोड़ रहे हैं, जबकि चीन निर्यात प्रवृत्ति को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहन नीतियों का उपयोग कर रहा है। यह नीति पुनर्निर्माण अनिश्चितता में योगदान कर रहा है।" रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ता हुआ संरक्षणवाद, विशेष रूप से उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में प्रतिशोधी उपायों को जन्म दे रहा है, जिनमें व्यापार साझेदारों से काउंटर-मेपर्स और अतिरिक्त व्यापार बाधाएं शामिल हैं।
वैश्विक व्यापार में वृद्धि और जोखिम
2024 में वैश्विक व्यापार ने रिकॉर्ड $33 ट्रिलियन तक पहुंचकर 2023 के मुकाबले 3.7% की वृद्धि दर्ज की। यह वृद्धि मुख्य रूप से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं और मजबूत सेवा व्यापार द्वारा प्रेरित थी। हालांकि, रिपोर्ट ने चेतावनी दी कि व्यापार घाटे, बदलती नीतियां और भू-राजनीतिक तनाव भविष्य में व्यापार वृद्धि को प्रभावित कर सकते हैं।
व्यापार संबंधों में बदलाव
व्यापार पर निर्भरता में भी महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं। रूस, वियतनाम और भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं ने विशेष साझेदारों के साथ अपने व्यापार संबंधों को मजबूत किया है, जबकि ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ जैसे देश पारंपरिक बाजारों पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहे हैं। UNCTAD ने कहा, "व्यापार संकेंद्रण में गिरावट यह संकेत देती है कि छोटे देशों का अब बड़ा रोल हो रहा है।"
विकासशील देशों की सफलता
2024 में विकासशील देशों ने विकसित देशों को पीछे छोड़ते हुए व्यापार वृद्धि में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इन देशों का आयात और निर्यात सालभर में 4% और चौथी तिमाही में 2% बढ़ा, जो मुख्य रूप से पूर्व और दक्षिण एशिया से प्रेरित था। "दक्षिण-दक्षिण" व्यापार ने साल भर में 5% और चौथी तिमाही में 4% की वृद्धि दर्ज की। इसके विपरीत रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में व्यापार गतिविधि ज्यादातर साल धीमी रही और चौथी तिमाही में केवल थोड़ी सुधार देखा गया।
औद्योगिक नीतियों का प्रभाव
औद्योगिक नीतियाँ अब महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे कि स्वच्छ ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और महत्वपूर्ण कच्चे मालों को आकार दे रही हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा में विकृतियां उत्पन्न हो रही हैं।
व्यापार घाटे और वैश्विक व्यापार असंतुलन
2024 में वैश्विक व्यापार असंतुलन 2022 के स्तर पर वापस आ गए। अमेरिका का व्यापार घाटा बढ़ा, चीन का अधिशेष बढ़ा और यूरोपीय संघ ने ऊर्जा मूल्य परिवर्तनों के कारण अधिशेष स्थिति में प्रवेश किया।
आर्थिक सहयोग की आवश्यकता
UNCTAD ने चेतावनी दी कि वैश्विक व्यापार असमंजस बढ़ने के साथ आर्थिक विखंडन को रोकने के लिए 2025 में देशों के बीच सहयोग और संतुलित नीतियाँ जरूरी होंगी। जबकि चीन की आर्थिक प्रोत्साहन नीतियाँ और कुछ क्षेत्रों में कम महंगाई व्यापार को समर्थन दे सकती हैं, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में संरक्षणवाद और नीति परिवर्तनों से महत्वपूर्ण जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 2025 में वैश्विक विखंडन को रोकना, जिसमें देशों का अलग-अलग व्यापार ब्लॉक्स बनाना शामिल है। एक बड़ा चुनौती हो सकता है। नीति परिवर्तनों को दीर्घकालिक विकास के बिना जोखिम में डाले बिना प्रबंधित करने के लिए सरकारों और व्यवसायों को रणनीतिक कदम उठाने होंगे।